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    दो दशक तक दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ेंगे भारत के विमान यात्री, और क्या कहती है एयरबस की रिपोर्ट

    Updated: Fri, 13 Jun 2025 02:20 PM (IST)

    विमान बनाने वाली फ्रांस की कंपनी एयरबस ने अगले 20 वर्षों यानी 2044 तक एविएशन इंडस्ट्री को लेकर अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में उसने बताया है कि विमान यात्रियों की संख्या हर साल भारत में सबसे अधिक गति (India aviation growth) से बढ़ेगी। उसने यह भी बताया है इस अवधि में दुनिया में कितने नए विमानों की जरूरत होगी।

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    दो दशक तक दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ेंगे भारत के विमान यात्री

    नई दिल्ली। आने वाले दो दशक में दुनिया में सबसे अधिक एयर ट्रैफिक (India air passenger growth) भारत में बढ़ेगा। हाल के वर्षों में भारत ग्लोबल एयरक्राफ्ट मार्केट में बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरा है। पैसेंजर ट्रैफिक में सबसे तेज वृद्धि को देखते हुए भारतीय एयरलाइंस की तरफ से नए विमान के ऑर्डर भी बड़ी संख्या में दिए जाने की संभावना है।

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    फ्रांस की एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी एयरबस ने ‘ग्लोबल मार्केट फोरकास्ट 2025’ (Airbus Global Market Forecast 2025) में ये बातें कही हैं। इसमें 2044 तक एविएशन इंडस्ट्री को लेकर अनुमान (Indian aviation sector future) लगाया है। इसका कहना है कि भारत में घरेलू एयर ट्रैफिक सालाना 8.9% की दर से बढ़ेगा।

    दुनिया का तीसरा बड़ा एविएशन बाजार है भारत

    भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एविएशन बाजार है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यहां का घरेलू पैसेंजर ट्रैफिक पिछले एक दशक में सालाना 10 से 12 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। वर्ष 2024 में घरेलू एयर पैसेंजर ट्रैफिक 22 करोड़ 81 लाख हो गया। पहली बार 17 नवंबर 2024 को एक दिन में यात्रियों की संख्या पांच लाख को पार कर गई। पिछले साल अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या भी 6.45 करोड़ हो गई।

    विमान यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए पिछले दो वर्षों में एयर इंडिया ने एयरबस और बोइंग को 570 विमानों के आर्डर दिए हैं। इंडिगो ने भी 900 से अधिक एयरबस विमानों का ऑर्डर दिया है।

    एक दशक में एयरपोर्ट की संख्या हुई दोगुनी

    नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार भारत में 2024 के अंत तक 159 एयरपोर्ट थे। एक दशक में इनकी संख्या दोगुनी हुई है। 21 अक्टूबर 2016 को उड़ान योजना शुरू किए जाने के बाद एयरपोर्ट की संख्या तेजी से बढ़ी है। मंत्रालय के अनुसार अभी तक 625 उड़ान रूट ऑपरेशनल हुए हैं। इनके जरिए 90 एयरपोर्ट को जोड़ा गया है।

    पिछले 10 वर्षों में 21 नए एयरपोर्ट को मंजूरी दी गई। इनमें से 12 एयरपोर्ट ऑपरेशनल हो चुके हैं। नोएडा (जेवर) और नई मुंबई के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट भी जल्दी शुरू किए जाने की संभावना है। सरकार ने अगले पांच वर्षों में 50 और एयरपोर्ट डेवलप करने का लक्ष्य रखा है।

    चीन में हर साल 5.4% बढ़ेंगे विमान यात्री

    एयरबस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शॉर्ट टर्म की अनिश्चितताओं के बावजूद अगले दो दशक में वैश्विक पैसेंजर ट्रैफिक सालाना 3.6% बढ़ने का अनुमान है। शहरी आबादी 120 करोड़ बढ़ेगी और दुनिया भर में मध्यवर्ग का आकार 150 करोड़ बढ़ जाएगा। विमान यात्रियों में सबसे अधिक संख्या इसी वर्ग की होगी।

    एयरबस के अनुसार भारत में घरेलू एयर ट्रैफिक सालाना 8.9% की दर से बढ़ेगा। यह किसी भी दूसरे देश से अधिक है। पड़ोसी देश चीन में यह वृद्धि दर 5.4%, अमेरिका में 1.6%, ब्राजील में 4.6% और पश्चिमी यूरोप में 1.7% रहने की संभावना है।

    भारत से मध्य पूर्व का ट्रैफिक 5.8%, विकासशील एशियाई देशों से चीन का ट्रैफिक 8.5%, इन्हीं देशों से मध्य पूर्व का ट्रैफिक 5.3% की दर से बढ़ेगा। पश्चिमी यूरोप से मध्य पूर्व और मध्य यूरोप के ट्रैफिक तथा मध्य पूर्व से अमेरिका के ट्रैफिक में हर साल औसतन 3.8% की दर से वृद्धि होने की संभावना है।

    दो दशक में 43,420 नए विमानों की जरूरत

    रिपोर्ट में बताया गया है कि विमान यात्रियों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए नए यात्री और मालवाहक विमानों की जरूरतें भी बढ़ेंगी। अगले 20 वर्षों में लगभग 43,420 नए विमानों की आवश्यकता होगी। इनमें 34,250 सिंगल आइल वाले और 9,170 वाइट बॉडी एयरक्राफ्ट होंगे। इनमें से लगभग 44% यानी 18,930 विमान पुराने मॉडल की जगह लेंगे।

    वर्ष 2024 के अंत में दुनिया भर में 24,730 विमान सर्विस में थे। इनकी संख्या भी लगभग दोगुना हो जाने की उम्मीद है। एयरबस का अनुमान है कि 2044 तक 49,000 से अधिक विमान दुनिया भर में सर्विस में होंगे। इस बढ़ती हुई डिमांड को पूरा करने के लिए नए पायलट, टेक्नीशियन और केबिन क्रू की जरूरत होगी। इनके अलावा एयरक्राफ्ट मेंटिनेस के क्षेत्र में भी बड़े अवसर पैदा होंगे।