Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'भारत अगले दशक की तेल मांग में चीन को पीछे छोड़ देगा', मूडीज ने आयात पर अधिक निर्भरता की संभावना जताई

    मूडीज रेटिंग्स ने कहा कि भारत में मांग की वृद्धि और आयात पर निर्भरता अधिक होगी। अगले दशक में भारत में मांग चीन की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ेगी क्योंकि चीन की आर्थिक वृद्धि सुस्त हो रही है और नए ऊर्जा वाहनों का प्रवेश तेज हो रहा है। चीन में कच्चे तेल की खपत अगले तीन से पांच वर्षों में चरम पर होगी।

    By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 22 May 2025 11:30 PM (IST)
    Hero Image
    चीन की आर्थिक वृद्धि सुस्त होने और ईवी के प्रयोग से तेल की मांग होने की आशंका

    पीटीआई, नई दिल्ली। पिछले दशक में वैश्विक तेल मांग में वृद्धि को गति देने का काम भले ही चीन ने किया था लेकिन अगले दशक में भारत यह भूमिका निभाएगा। चीन दुनिया में दूसरे नंबर का तेल उपभोक्ता है जबकि भारत तीसरे स्थान पर है। लेकिन दोनों देशों की मांग वृद्धि में उल्लेखनीय अंतर है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आयात पर निर्भरता अधिक होगी

    मूडीज रेटिंग्स ने कहा, 'भारत में मांग की वृद्धि और आयात पर निर्भरता अधिक होगी। अगले दशक में भारत में मांग चीन की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ेगी, क्योंकि चीन की आर्थिक वृद्धि सुस्त हो रही है और नए ऊर्जा वाहनों का प्रवेश तेज हो रहा है।'

    कच्चे तेल की खपत होगी ज्यादा

    चीन में कच्चे तेल की खपत अगले तीन से पांच वर्षों में चरम पर होगी, जबकि भारत में मूडीज को इसी अवधि में तीन-पांच प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि दोनों देश तेल और गैस आयात पर बहुत अधिक निर्भर हैं लेकिन मांग में सुस्त वृद्धि और घरेलू उत्पादन बढ़ने से चीन की तेल आयात पर निर्भरता कम होने का अनुमान है।

    कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन में गिरावट हुई तो...

    मूडीज ने कहा, 'यदि भारत कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन में गिरावट को नहीं रोक पाता है तो आयात पर उसकी निर्भरता बढ़ जाएगी।' इसके मुताबिक, चीन की व्यापक तेल एवं गैस खपत इसकी राष्ट्रीय तेल कंपनियों (एनओसी) के पैमाने को रेखांकित करती है, जो संभवत: अगले तीन-पांच वर्षों में उत्पादन वृद्धि में अपने भारतीय समकक्षों से आगे निकल जाएंगी।

    भारतीय तेल कंपनियों को पुराने तेल कुओं और धीमे निवेश से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त मूडीज ने दोनों देशों की तेल कंपनियों के निवेश उद्देश्यों में अंतर का भी उल्लेख किया है।

    गैस उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना

    इसने कहा कि भारतीय एनओसी घरेलू तेल और गैस उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बना रही हैं, लेकिन इस पर अमल होना अभी बाकी है। इसके अलावा ग्रीन टेक्नोलाजी में निवेश का दबाव भी भारतीय कंपनियों पर अधिक होता है।