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    वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए ज्यादा एफटीए करे भारत, शुल्कों में भी की जाए कटौती : नीति आयोग के CEO

    Updated: Fri, 17 May 2024 08:10 PM (IST)

    सुब्रमण्यम ने कहा कि भारतीय उद्योग और सेवाएं अपनी क्षमता की अनुरूप तभी बढ़ेंगी जब हम अधिक व्यापार करेंगे। उन्होंने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निजी निवेश नहीं हो रहा है। हमें नए मॉडल और व्यवस्थाएं लाने की जरूरत है जिसमें निजी पूंजी इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने के लिए उत्साहित होगा। इसके लिए अनुबंध प्रबंधन विवाद समाधान और कानूनी प्रक्रियाओं में तेजी लाने में भी बहुत सुधार की आवश्यकता होगी।

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    ब्रिटेन के साथ भारत जल्‍द ही मुक्‍त व्‍यापार समझौते पर हस्‍ताक्षर करने वाला है।

    पीटीआई, नई दिल्ली। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए भारत को दूसरे देशों के साथ ज्यादा से ज्यादा मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) करने चाहिए। साथ ही शुल्कों में कमी करनी चाहिए। सीआईआई के वार्षिक सम्मेलन में सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार को किसी भी क्षेत्र को प्रतिस्पर्धा से नहीं बचाना चाहिए। मेरा मानना है कि हमें अपनी क्षमताओं के बारे में बहुत आश्वस्त होना चाहिए कि भारत वास्तव में बाकी दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होगा।

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    उन्होंने कहा कि दुनिया की शीर्ष-50 बीमा कंपनियों में भारत की केवल एक कंपनी है। इसी तरह, दुनिया के शीर्ष-100 बैंकों की सूची में भारत से केवल दो हैं। भारतीय कंपनियां बाकी दुनिया की समकक्ष कंपनियों के बराबर हो सकती हैं।

    सुब्रमण्यम ने कहा कि भारतीय उद्योग और सेवाएं अपनी क्षमता की अनुरूप तभी बढ़ेंगी, जब हम अधिक व्यापार करेंगे। उन्होंने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निजी निवेश नहीं हो रहा है। हमें नए मॉडल और व्यवस्थाएं लाने की जरूरत है जिसमें निजी पूंजी इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने के लिए उत्साहित होगा। इसके लिए अनुबंध प्रबंधन, विवाद समाधान और कानूनी प्रक्रियाओं में तेजी लाने में भी बहुत सुधार की आवश्यकता होगी।

    सुब्रमण्यम के अनुसार, जो कोई भी ऐसी स्थिति में आ गया है जहां उसे लगता है कि कानूनी समाधान में 3-5 साल लगेंगे, यह एक लागत है और यह स्वत: ही हतोत्साहित करने वाला है।