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    वैश्विक हालात ज्यादा बिगड़े तो भारत की रेटिंग पर होगा असर, S&P ने किया आगाह

    वैश्विक हालात ज्यादा खराब होने पर इन देशों की रेटिंग घटाई भी जाती है तो इन देशों की इकोनमी पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। वजह यह है कि इन देशों की इकोनमी बहुत हद तक घरेलू बाजार व मांग से तय होती है।

    By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 12 Oct 2022 11:01 PM (IST)
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    एसएंडपी ने कहा है कि कई सारे फैक्टर हैं जो भारत की सावरेन रेटिंग को प्रभावित कर सकते हैं।

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश में महंगाई के बढ़ते तेवर के बीच दुनिया की चार दिग्गज रेटिंग एजेंसियों में से एक स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने भारत को आगाह किया है कि अगर वैश्विक हालात ज्यादा तेजी से बिगड़ते हैं तो इसका असर भारत की रेटिंग पर भी दिखाई दे सकता है। हालांकि, भारत को चीन, जापान, इंडोनेशिया की श्रेणी में रखते हुए यह भी माना गया है कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में इन देशों की अर्थव्यवस्था ज्यादा सक्षम है।

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    वैश्विक इकोनमी के हालात

    वैश्विक हालात ज्यादा खराब होने पर इन देशों की रेटिंग घटाई भी जाती है तो इन देशों की इकोनमी पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। वजह यह है कि इन देशों की इकोनमी बहुत हद तक घरेलू बाजार व मांग से तय होती है। एसएंडपी ने भारत को बीबीबी (माइनस- स्थिर) की रेटिंग दी हुई है। वित्त मंत्रालय की कोशिश है कि इस रेटिंग में सुधार हो।

    एसएंडपी का बयान

    एसएंडपी ने कहा है कि कई सारे फैक्टर हैं जो भारत की सावरेन रेटिंग को प्रभावित कर सकते हैं। जैसे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है। इसके चालू खाते में घाटे (देश में विदेशी मुद्रा के आने और देश से बाहर विदेशी मुद्रा के जाने का अंतर) भी बढ़ रहा है। दूसरी तरफ, देश महंगाई से जूझ रहा है और वैश्विक स्तर पर हालात बिगड़ रहे हैं।

    अभी तक भारत की तेज विकास दर की वजह से बढ़ते कर्ज और बढ़ते घाटे को व्यवस्थित किया जा रहा था। विदेशी मुद्रा का भंडार भी ज्यादा रहा है जो वैश्विक संकटों के असर को काटता रहा है। एसएंडपी ने कहा है कि हमें उम्मीद है कि भारत इन वजहों से आगे भी चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल से बचने में मदद मिलेगी।

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