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    India Q3 GDP: अर्थव्यवस्था ने लगाई 8.4 फीसद की छलांग, तीसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर में तेजी

    Updated: Thu, 29 Feb 2024 07:25 PM (IST)

    तीसरी तीमाही अक्टूबर - दिसंबर में देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार शानदार रही। कई देशों में मंदी की आशंका के बीच भारतीय इकोनॉमी इस दौरान 8.4 फिसदी की रफ्तार से दौड़ी। गुरुवार को सांख्‍यिकी मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही यानी अक्‍टूबर-दिसंबर तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी किए। मैन्‍यूफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में 11.6% की तेजी देखने को मिली है।

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    अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में भारत की जीडीपी 8.4 फीसदी रहीं।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनावी साल में सरकार अर्थव्यवस्था की बेहद सुनहरी तस्वीर ले कर मतदाताओं के बीच जाने वाली है। एक तरफ जहां ब्रिटेन, जापान, जर्मनी जैसे विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं की हालत खराब होती जा रही है वहीं भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सारी उम्मीदों को पार कर रही है।

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    सरकार की तरफ से जारी ताजे आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) की आर्थिक विकास दर 8.4 फीसद रही है। मैन्यूफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन और माइनिंग (खनन) क्षेत्र ने इस तिमाही में बहुत ही उम्दा प्रदर्शन किया है जिसकी वजह से कृषि क्षेत्र में महज 0.7 फीसद की विकास दर का समग्र विकास दर पर असर नहीं हुआ है।

    गुरुवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से वर्ष 2023-24 में विकास दर के 7.6 फीसद रहने का अनुमान लगाया है जो ना सिर्फ विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, एडीबी जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुमान से ज्यादा है बल्कि आरबीआई के अनुमान (7.3 फीसद) से भी ज्यादा है।

    अर्थव्यवस्था की तेजी पर पीएम ने जताई खुशी

    वर्ष 2022-23 में भारत की आर्थिक विकास दर सात फीसद रही थी। पीएम मोदी ने जीडीपी के ताजा आंकड़ों का स्वागत करते हुए कहा है कि उनकी सरकार 140 करोड़ भारतीयों की भलाई और विकसित भारत बनाने के लिए काम करती रहेगी। हाल के दिनों में मोदी सरकार के दस वर्षों के कार्यकाल में देश की विकास दर और पूर्व यूपीए सरकार के कार्यकाल (वर्ष 2002 से वर्ष 2014) के कार्यकाल के दौरान दर्ज विकास दर के बीच काफी तुलनात्मक चर्चा हुई है।

    मोदी सरकार के दौरान विकास दर औसतन 5.77 फीसद रही

    अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डॉ. मनमोहन ¨सह की सरकार के कार्यकाल में कुप्रबंधन का मुद्दा उठाया था और बाद में इस पर उन्होंने एक श्वेत पत्र भी पेश किया है। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी की तरफ से यह बताया गया है कि उनकी सरकार का प्रदर्शन ज्यादा बेहतर था क्योंकि उस समय आर्थिक विकास की औसत दर 7.74 फीसद थी जबकि मोदी सरकार के दौरान यह औसत दर 5.77 फीसद रही है। अब जबकि देश में आम चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं तब सरकार ज्यादा मजबूत अर्थव्यवस्था के साथ मैदान में जा सकती है।

    चीन से बेहतर भारतीय इकोनॉमी की रफ्तार: आईएमएफ

    एनएसओ के डाटा से यह भी प्रतीत हो रहा है कि इस वर्ष चीन व भारत के आर्थिक विकास दर के बीच अंतर और ज्यादा बड़ा होगा। आईएमएफ की ताजी रिपोर्ट में वर्ष 2024 में चीन की विकास दर 4.5 फीसद और भारत की 6.5 फीसद रहने की बात कही गई है। एनएसओ ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की जीडीपी का आकार 172.90 लाख करोड़ रुपये रहने की बात कही है।

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