आईएमएफ से ये कर्ज नहीं मिलने पर पाकिस्तान की हालत होगी और खराब, जानिए क्या है भारत की रणनीति
India economic strike on Pakistan आईएमएफ ने जुलाई 2024 में पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज मंजूर किया था। शुक्रवार को IMF एक्जीक्यूटिव बोर्ड की बैठक होनी है जिसमें कर्ज की अगली किस्त देने पर विचार होगा। पिछले बैठकों में वोटिंग के दौरान भारत अनुपस्थित रहा। लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत कल होने वाली बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ वोटिंग कर सकता है।

नई दिल्ली। पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को ऑपरेशन सिंदूर में (Operation Sindoor) तबाह करने के बाद भारत अब पाकिस्तान पर ‘इकोनॉमिक स्ट्राइक’ (India economic strike on Pakistan) करने वाला है। पाकिस्तान की इकोनॉमी इन दिनों आईएमएफ के कर्ज पर चल रही है, और भारत इस कर्ज की अगली किस्त रोकना चाहता है। अगर भारत ऐसा करने में सफल रहा तो पहले से खस्ताहाल पाकिस्तान की आर्थिक हालत और बिगड़ जाएगी।
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में सवाल पूछने पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, “शुक्रवार को आईएमएफ की बोर्ड मीटिंग में भारत के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर देश का पक्ष रखेंगे।”
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने दिवालिया होने के कगार पर खड़े पाकिस्तान के लिए पिछले साल जुलाई में 7 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज (IMF loan Pakistan 2025) मंजूर किया था। शुक्रवार यानी 9 मई को IMF के एक्जीक्यूटिव बोर्ड की मीटिंग होने वाली है। इसमें पाकिस्तान को एक अरब डॉलर के कर्ज की अगली किस्त और 1.3 अरब डॉलर के क्लाइमेट फाइनेंस पर चर्चा होगी।
बेलआउट पैकेज (Pakistan bailout news) को मंजूरी देने या उस पैकेज के तहत किस्त जारी करने को लेकर अभी तक आईएमएफ की जितनी भी बैठकें हुई हैं, उनकी वोटिंग में भारत अनुपस्थित रहा है। इस बार भारत आतंकवाद को पनाह देने वाले पड़ोसी देश को किसी भी मदद के खिलाफ वोटिंग कर सकता है। भारत का तर्क है कि पाकिस्तान कर्ज की रकम का गलत इस्तेमाल कर रहा है।
पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर का यह पैकेज कई किस्तों में दिया जा रहा है। अगली किस्त जारी करने के लिए बोर्ड की मंजूरी अहम है। बेलआउट पैकेज के लिए IMF ने पाकिस्तान के सामने कई शर्तें रखी हैं। इनमें अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और उसमें स्थिरता लाना, कुछ ढांचागत बदलाव करना, मजबूत और समावेशी विकास का माहौल तैयार करना शामिल हैं।
इस महत्वपूर्ण बैठक से पहले भारत ने आईएमएफ एक्जीक्यूटिव बोर्ड में अपना प्रतिनिधि बदला है। वर्ल्ड बैंक में एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर परमेश्वरन अय्यर को अस्थायी रूप से आईएमएफ बोर्ड का डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। अय्यर से पहले के.वी. सुब्रमण्यम आईएमएफ में एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे। उनका कार्यकाल तीन साल का था, लेकिन छह महीने पहले 30 अप्रैल को उन्हें हटा दिया गया। अगर भारत सुब्रमण्यम की जगह किसी की नियुक्ति नहीं करता तो IMF के नियमों के अनुसार श्रीलंका के प्रतिनिधि डायरेक्टर की भूमिका निभाते।
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