Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में ताइवान-चीन का दबदबा खत्म करने को तैयार भारत, जानिए क्या है सरकार का पूरा प्लान

    By Agency Edited By: Suneel Kumar
    Updated: Sun, 03 Mar 2024 06:13 PM (IST)

    सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का अहम हिस्सा होते हैं। इनका इस्तेमाल कार से मोबाइल फोन और यहां तक कि वॉशिंग मशीन में भी होता है। सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग पर फिलहाल ताइवान दक्षिण कोरिया और चीन का दबदबा है। अब भारत ने इस सेक्टर में अपना दबदबा बनाने की योजना बनाई है और इसके लिए वह 10 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है।

    Hero Image
    सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में अभी ताइवान, दक्षिण कोरिया और चीन का दबदबा है।

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारत सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग (Semiconductor Manufacturing) के मामले में दूसरे देशों पर निर्भरता घटाना चाहता है। यही वजह है कि सरकार नए प्लांट लगाने के लिए 10 अरब डॉलर की प्रोत्साहन राशि दे रही है।

    आईटी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) का कहना है कि इससे भारत में बेहतरीन डिजाइन वाले सेमीकंडक्टर तैयार हो सकेंगे और इस सेक्टर में ताइवान, दक्षिण कोरिया और चीन का दबदबा कम होगा। उन्होंने कहा कि अगले 5 साल में चिपमेकर्स की दुनिया का बड़ा खिलाड़ी बन जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने कभी शानदार पॉलिसीज बनाई हैं, जो मैन्युफैक्चरर्स को भारत में नए फैब्स (सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट्स) लगाने और इस सेक्टर में निवेश बढ़ाने के लिए लुभा रही हैं।

    सेमीकंडक्टर असल में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का अहम हिस्सा होते हैं। इनका इस्तेमाल ऑटोमोबाइल्स से लेकर कंप्यूटर, मोबाइल फोन और यहां तक कि वॉशिंग मशीन में भी होता है। कुछ समय पहले सेमीकंडक्टर की किल्लत हो गई थी, जिससे ऑटो प्रोडक्शन भी ठप हो गया था।

    यह भी पढ़ें : Rooftop solar installations : छत पर सोलर पैनल लगाने में भारत की बड़ी छलांग, अमेरिकी रिसर्च फर्म भी हुई मुरीद

    भारत में पहले से ही मशहूर ऑटोमोबाइल कंपनियों की फैक्ट्रियां हैं, जिनमें Renault-Nissan से लेकर Hyundai तक शामिल हैं। अगर लिस्ट को कंप्यूटर की ओर ले जाएं, तो डेल और एपल के सप्लायर्स जैसे मैन्युफैक्चरर हैं। सैमसंग जैसे इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरर भी हैं, जो टीवी से लेकर वॉशिंग मशीन और फ्रिज तक सब बनाते हैं।

    अब भारत की नजर सेमीकंडक्टर बनाने के साथ मैन्युफैक्चरिंग वैल्यू चेन को आगे बढ़ाने पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगआई वाली सरकार के 76,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन से माइक्रोन और टाटा समेत चार कंपनियों को फायदा हुआ है।

    वैष्णव ने कहा कि देश में पहले से ही ग्लोबल डिजाइन टैलेंट का लगभग एक तिहाई मौजूद है। ऐसे में हम जल्द ही सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के मामले में काफी आगे निकल सकते हैं।

    यह भी पढ़ें : Bank deposits : अपने बचत के पैसों को कहां जमा कर रहे लोग, रिजर्व बैंक ने बताया