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Retail Inflation: 15 महीने के उच्चतम स्तर पर महंगाई! जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर पहुंची 7.44 प्रतिशत

July Retail Inflation जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति अपने 15 महीने के उच्चतम स्तर पर आ चुकी है। वहीं जून में खुदरा मुद्रास्फीति 4.55 फीसदी थी जो जुलाई में बढ़ गया। इस से पहले अप्रैल में भी खुदरा मुद्रास्फीति दर बढ़ी थी। आपको बता दें कि जुलाई में थोक महंगाई दर नकारात्मक दायरे में ही रही। आइए जानते हैं कि पिछले महीने खुदरा मुद्रास्फीति दर क्यों बढ़ी है?

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariPublished: Mon, 14 Aug 2023 06:20 PM (IST)Updated: Mon, 14 Aug 2023 07:33 PM (IST)
15 महीने के उच्चतम स्तर पर Retail Inflation

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पिछले महीने खुदरा मुद्रास्फीति 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसका कारण मुख्य रूप से सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों की बढ़ी कीमतों को माना जा रहा है। इसी के साथ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जून में 4.87 प्रतिशत और जुलाई में 6.71 प्रतिशत थी।

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खुदरा मुद्रास्फीति के रिकॉर्ड

इस साल अप्रैल में ऊंची महंगाई दर 7.79 फीसदी दर्ज की गई थी। आंकड़ों के अनुसार, खाद्य टोकरी में मुद्रास्फीति जुलाई में 11.51 प्रतिशत थी, जबकि जून में यह 4.55 प्रतिशत और जुलाई 2022 में 6.69 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों में खुदरा मुद्रास्फीति साल-दर-साल 37.43 प्रतिशत बढ़ी, जबकि अनाज और उत्पादों में मूल्य वृद्धि की दर 13 प्रतिशत बढ़ी।

खुदरा महंगाई दर क्यों बढ़ा

आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर के लिए अधिकतम सीमा छह प्रतिशत तय कर रखा है। इकरा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के मुताबिक जुलाई की खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों में से सब्जी को निकाल दिया जाए तो यह बढ़ोतरी सिर्फ 5.4 प्रतिशत की रह जाती है। उनका मानना है कि अगस्त माह में खुदरा महंगाई के रुख को देखते हुए इस महीने भी खुदरा महंगाई दर 6.5 प्रतिशत के ऊपर रहने का अनुमान है। सितंबर से जाकर खुदरा महंगाई में राहत मिल सकती है।

गेहूं व चावल दोनों के दाम बढ़ने से अनाज के खुदरा दाम में बढ़ोतरी रही। हालांकि जुलाई में खाद्य वस्तुओं को छोड़ अन्य वस्तुओं के दाम में छह प्रतिशत से कम का इजाफा रहा।जुलाई में टमाटर के भाव 200 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंचने से सब्जी के दाम इतनी बढ़ोतरी दिख रही है। दाल की खुदरा कीमतों में भी लगातार मजबूती दिख रही है।जुलाई में खाद्य वस्तुओं की थोक कीमतों में भी पिछले साल जुलाई के मुकाबले 14.25 प्रतिशत का इजाफा रहा। इस अवधि में सब्जी की थोक कीमतों में पिछले साल जुलाई की तुलना में 62.12 प्रतिशत, गेहूं के थोक दाम में 8.01 प्रतिशत तो दाल में 9.59 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।

किन वस्तुओं की कितनी रही खुदरा महंगाई दर

पिछले महीने अनाज की महंगाई दर 13.04 फीसदी, मांस-मछली की 2.25 फीसदी, अंडा की 3.82 फीसदी, दूध की 8.34 फीसदी और फल 3.16 प्रतिशत बढ़ा है। इसके अलावा सब्जी की महंगाई दर 37.34 प्रतिशत, दाल का 13.27 प्रतिशत, कपड़ा व फुटवियर का 5.64 प्रतिशत, ईंधन व लाइट का 3.67 फीसदी और ट्रांसपोर्ट व कम्युनिकेशंस का 2.41 प्रतिशत रहा है।

जुलाई में थोक महंगाई दर नकारात्मक दायरे में

आज जुलाई महीने में थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी हुए हैं। जुलाई में थोक मुद्रास्फीति नकारात्मक 1.36 (-1.36) प्रतिशत रहा है। यह लगातार चौता महीना है जब थोक महंगाई दर निचले स्तर पर पहुंचा है। इस बार थोक महंगाई दर में कमा आने की वजह ईंधन के दाम में कटौती को माना जा रहा है। वहीं, खाद्य वस्तुओं की कीमत में तेजी देखने को मिली है। पिछले महीने तोक महंगाई दर -4.12 प्रतिशत था।

 


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