Budget 2017: टैक्स कटौती और डिजिटल भुगतान से जुड़ी कई सुविधाएं चाहता है उद्योग जगत
इंडियन इंडस्ट्रीज को बजट 2017 से ढ़ेरों उम्मीदें हैं, इनमें कंपनी कर में कटौती और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन देना प्रमुख हैं
नई दिल्ली। एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से इंडियन इंडस्ट्रीज को ढ़ेरों उम्मीदें हैं। इन उम्मीदों में सरकार की ओर से कंपनी कर में कटौती और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन देने जैसे कदम प्रमुख हैं। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पेश होने वाले बजट से इंडियन इंडस्ट्री यह भी चाहती है कि सरकार मुकदमेबाजी को कम करने के लिए मौलिक कदम उठाए और विवाद निपटान व्यवस्था को और मजबूत किया जाए। गौरतलब है कि कई सालो बाद आम बजट फरवरी के आखिरी कार्यकारी दिवस पर नहीं बल्कि फरवरी के पहले दिन पेश किया जा रहा है।
उद्योग जगत चाहता है कि सरकार बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करे, कर आधार व्यापक बनाने के उपाय करे और खपत बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत आयकर की दरों में भी कमी लाए।
उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष पंकज पटेल ने बताया, बीते वर्ष से सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स की दरों को कम करना शुरू किया है। इसे वर्ष 2020 तक 25 फीसदी पर लाया जाना है। हालांकि, इसकी प्रगति काफी धीमी है और सिर्फ कुछ ही कंपनियां इस नई कर व्यवस्था में आ पाईं हैं। हम चाहेंगे कि बजट में इस प्रक्रिया को तेज किया जाए। उन्होंने कहा, कर्ज पर ब्याज दरें कम होनी चाहिए, आवास जैसे क्षेत्रों के लिए वित्तपोषण को सरल बनाया जाना चाहिए। इस तरह के कदमों से व्यावसायिक समुदाय में विश्वास बढ़ेगा और निवेश मांग को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
पटेल ने यह भी कहा कि उपभोक्ता खर्च (कंज्यूमर स्पेंडिंग) बढ़ाने और कर अनुपालन (टैक्स कंप्लाइंज) को प्रोत्साहन के लिए व्यक्तिगत आयकर की दरों में भी कमी लाई जानी चाहिए। मौजूदा समय में कंपनी कर की दर 30 फीसदी है, इसके ऊपर उपकर (सेस) और अधिभार (सरचार्ज) भी लगते हैं जिसे मिलाकर यह 34 प्रतिशत से अधिक बैठता है।
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