Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Crude Oil Import: अगस्त में लगातार तीसरे महीने कम हुआ रूस से कच्चा तेल आयात, सऊदी अरब से बढ़ी खरीद; ये है वजह

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Sun, 03 Sep 2023 03:34 PM (IST)

    Crude Oil Import भारत के रूस से कच्चे तेल आयात में अगस्त में लगातार तीसरे महीने कमी आई है और यह सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा कच्चे तेल का सप्लायर बना हुआ है। अगस्त में भारत की ओर से आयात किए जाने वाले कुल कच्चे तेल में 7 प्रतिशत की गिरावट आई है।

    Hero Image
    अगस्त में भारत की ओर से आयात किए जाने वाले कुल कच्चे तेल में 7 प्रतिशत की गिरावट आई है।

    नई दिल्ली, एजेंसी। भारत की ओर से रूस से आयात किए जाने वाले कच्च तेल में अगस्त में गिरावट देखने को मिली है और यह सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। आयात में कमी के पीछे का कारण मानसून के कारण मांग में आई नरमी को माना जा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एनर्जी कार्गों टैकर कंपनी वोर्टेक्सा की ओर से जारी किए आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में रूस से प्रतिदिन 14.6 लाख बैरल की खरीद हुई है, जबकि पिछले महीने से 19.1 लाख बैरल थी। ये लगातार तीसरा महीना था, जब रूस से कच्चे तेल के आयात में कमी आई है।

    किन-किन देशों के कम हुआ कच्चे तेल का आयात?

    रूस के साथ ही इराक से भी कच्चे तेल का आयात कम हुआ है। यह 8,91,000 बैरल प्रति दिन से कम होकर 8,66,000 बैरल प्रति दिन हो गया है। यूएई से कच्चे तेल का आयात 2,90,000 बैरल प्रति दिन से कम होकर अगस्त में 2,73,000 बैरल प्रति दिन रह गया है। अमेरिका से कच्चे तेल का आयात 2,19,000 बैरल प्रति दिन से कम होकर 1,60,000 बैरल प्रति दिन हो गया है। हालांकि, सऊदी अरब से कच्चे तेल का आयात बढ़कर 8,20,000 बैरल प्रति दिन पर पहुंच गया। यह जुलाई में करीब 4,84,000 बैरल प्रति दिन था।

    भारत की ओर से आयात किए जाने वाले कुल कच्चे तेल में 7 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह अगस्त में 43.5 लाख बैरल प्रति दिन रहा है।

    रूस अभी भी सबसे बड़ा सप्लायर

    कच्चे तेल आयात में गिरावट आने के बाद भी रूस भारत का सबसे बड़ा कच्चे तेल का सप्लायर बना हुआ है। इसके बाद इराक, सऊदी अरब, यूएई और अमेरिका का नाम आता है। बता दें, रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से प्रतिदिन 44,500 बैरल ही कच्चे तेल का आयात करता था।