देश के इन बड़े शहरों में घर क्यों नहीं खरीद रहे लोग? बिक्री में 5 फीसदी की आई गिरावट
वर्ष 2025 के पहले छह महीनों में देश के आठ मुख्य शहरों में घरों की बिक्री में 5% की गिरावट आई है जो 2.53 लाख इकाई रही। हालांकि बिक्री का मूल्य 9% बढ़कर 3.59 लाख करोड़ रुपये हो गया है। क्रेडाई और सीआरई मैट्रिक्स की रिपोर्ट के अनुसार एनसीआर में घरों की बिक्री कम होने के बावजूद मूल्य में 21% की वृद्धि हुई है।

नई दिल्ली। कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली छमाही के दौरान देश के आठ प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री पांच प्रतिशत घटकर 2.53 लाख इकाई रही है। 2024 की समान अवधि में इन शहरों में 2,67,219 घरों की बिक्री हुई है। हालांकि, मूल्य के लिहाज से बिक्री में नौ प्रतिशत रही है और 3.59 लाख करोड़ रुपये के घरों की बिक्री हुई है।
इन 8 शहरों में कम हुई घरों की बिक्री
रियल एस्टेट डेवलपर्स के संगठन क्रेडाई और सीआरई मैट्रिक्स की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। यह रिपोर्ट बेंगलुरु, एनसीआर, मुंबई मेट्रोपालिटन रीजन (एमएमआर), पुणे, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और अहमदाबाद प्राथमिक आवास बाजार पर आधारित है।
साल 2024 में इस अवधि में हुई थी 3,30,750 करोड़ रुपये की बिक्री
रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी-अप्रैल 2024 के दौरान इन आठ प्रमुख शहरों में 3,30,750 करोड़ रुपये के घरों की बिक्री हुई थी। क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर पटेल का कहना है कि हम भारत में होमबायर्स की प्राथमिकताओं में एक निर्णायक बदलाव देख रहे हैं।
मांग स्पष्ट रूप से बड़े, बेहतर स्थान पर स्थित और अधिक प्रीमियम घरों की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि एनसीआर में आवासों की बिक्री संख्या के लिहाज से भले ही कम रही है, लेकिन इस दौरान मूल्य में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि गुणवत्ता और स्थान अब मात्रा से अधिक महत्वपूर्ण हैं। सीआरई मैट्रिक्स के सीईओ अभिषेक किरण गुप्ता ने कहा कि टियर-1 आवास बाजार एक नए मूल्य-आधारित विकास के चरण में प्रवेश कर चुका है। पहली छमाही के दौरान घरों के औसत मूल्य में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह 1.24 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.42 करोड़ रुपये हो गया है।
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