RBI Report: बैंकों का NPA कई दशक के निचले स्तर पर, लेकिन क्रेडिट कार्ड पर सरकारी बैंकों का एनपीए 14.3% हुआ
RBI Financial Stability Report के अनुसार लोन राइट ऑफ बढ़ने के कारण मार्च 2025 में बैंकों का Gross NPA कई दशक के निचले स्तर पर पहुंच गया। कृषि क्षेत्र का NPA सबसे अधिक 6.1% रहा। ग्रॉस एनपीए में बड़े कर्जदारों की हिस्सेदारी 37.5 प्रतिशत है। बैंकों के 100 सबसे बड़े कर्जदारों में किसी के भी कर्ज को एनपीए घोषित नहीं किया गया है।

रिजर्व बैंक ने सोमवार को छमाही फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट (RBI Financial Stability Report) जारी की। इसमें बताया गया है कि देश के बैंकिंग सिस्टम का ग्रॉस एनपीए (GNPA) मार्च 2025 में 2.3 प्रतिशत रह गया। यह कई दशक का सबसे निचला स्तर है। सितंबर 2024 में बैंकों का ग्रॉस एनपीए 2.6 प्रतिशत था। हालांकि बैंकिंग रेगुलेटर ने चेतावनी भी दी है कि मार्च 2027 में ग्रास एनपीए एक बार फिर बढ़कर 2.6 प्रतिशत हो सकता है।
हाल के महीनों को छोड़ दें तो लंबे समय तक एनपीए बैंकिंग सिस्टम के लिए बड़ी चुनौती रहा है। अब इसमें लगातार सुधार आ रहा है। बैंक किसी लोन के फंसने पर उसे एनपीए घोषित करने के बजाय नया लोन देकर उसकी एवरग्रीनिंग करते थे। आरबीआई की सख्ती के बाद बैंकों ने इस चलन को बंद किया है।
लोन राइट ऑफ एनपीए घटने का प्रमुख कारण
फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले 5 वर्षों में लोन राइट ऑफ किया जाना ग्रॉस एनपीए में गिरावट का सबसे प्रमुख कारण है। रिपोर्ट के अनुसार एनपीए की तुलना में राइट ऑफ का अनुपात 2024-25 में 31.8 प्रतिशत हो गया जो एक साल पहले 29.5 प्रतिशत था। सरकारी बैंकों के राइट ऑफ में थोड़ी गिरावट आई है लेकिन प्राइवेट सेक्टर और विदेशी बैंकों का राइट ऑफ बढ़ा है।
सेक्टर के हिसाब से देखा जाए तो कृषि क्षेत्र का ग्रॉस एनपीए सबसे अधिक 6.1% रहा। पर्सनल लोन में एनपीए 1.2% पर स्थिर रहा है। कुल कर्ज में बड़े कर्जदारों का हिस्सा 43.9% है हालांकि ग्रॉस एनपीए में उनकी हिस्सेदारी 37.5 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार बैंकों के 100 सबसे बड़े कर्जदारों में किसी के भी कर्ज को एनपीए घोषित नहीं किया गया है।
Credit Card पर एनपीए बढ़ गया
बैंकों के ग्रॉस एनपीए में भले ही गिरावट आई हो, लेकिन क्रेडिट कार्ड पर उनका एनपीए बढ़ रहा है। खासकर सरकारी बैंकों का। मार्च 2025 में क्रेडिट कार्ड पर सरकारी बैंकों का ग्रॉस एनपीए 14.3 प्रतिशत हो गया जो 6 महीने पहले 12.7 प्रतिशत था। तुलनात्मक रूप से देखें तो प्राइवेट सेक्टर के बैंकों का ग्रॉस एनपीए इस मामले में 2.1% रहा है।
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