ट्रंफ टैरिफ बेअसर! कैसे चीन के बाजार में भारत के हीरे-माणिक-हार की हुई धमक; ₹18756 करोड़ का सीधा फायदा
जुलाई में रत्न एवं आभूषण निर्यात में 15.98% की वृद्धि हुई जो 18756.28 करोड़ रुपये रहा। जीजेईपीसी के अनुसार इंडिया इंटरनेशनल ज्वेलरी शो और हांगकांग बाजार में मजबूत वापसी से इसे बढ़ावा मिला। कटे और पालिश किए गए हीरों के निर्यात में 17.76% और सोने के आभूषणों के निर्यात में 16.39% की वृद्धि हुई। प्रयोगशाला में बने हीरों के निर्यात में भी 27.61% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

मुंबई। वैश्विक चुनौतियों के बीच जुलाई में रत्न एवं आभूषण निर्यात में सालाना आधार पर 15.98 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और यह 18,756.28 करोड़ रुपये हो गया। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2024 के इसी महीने में कुल रत्न एवं आभूषण निर्यात 15,700 करोड़ रुपये रहा था।
जीजेईपीसी के प्रेसिडेंट किरीट भंसाली ने कहा, ''जुलाई में निर्यात अच्छा रहा और हमारे उद्योग के लिए एक उत्साहजनक संकेत है। इसे मुख्य रूप से इंडिया इंटरनेशनल ज्वेलरी शो (आइआइजेएस) प्रीमियर के दौरान सफल आर्डर बुकिंग और हांगकांग बाजार में मजबूत वापसी से बढ़ावा मिला। अमेरिकी टैरिफ जैसी वैश्विक चुनौतियों के बीच यह प्रदर्शन उत्साहजनक है।'
यह भी पढ़ें: ट्रंप टैरिफ के नुकसान से निपटने के लिए मोदी सरकार उठाने जा रही बड़ा कदम, वित्तीय पैकेज की हो सकती है घोषणा
परिषद ने कहा कि हाल ही में संपन्न आइआइजेएस प्रीमियर 2025 में अनुमानित 70,000-90,000 करोड़ रुपये के आर्डर बुक हुए हैं और इससे त्योहारी सीजन से पहले उद्योग का आत्मविश्वास बढ़ा है। जीजेईपीसी के आंकड़ों के अनुसार, 'जुलाई 2025 में कटे और पालिश किए गए हीरों का कुल निर्यात 17.76 प्रतिशत बढ़कर 9,230.66 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 7,608.79 करोड़ रुपये था।
जुलाई में सोने के आभूषणों का कुल निर्यात 16.39 प्रतिशत बढ़कर 7,005.96 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 5,844.28 करोड़ रुपये था। जुलाई में प्रयोगशाला में बनाए गए हीरों का निर्यात 27.61 प्रतिशत बढ़कर 1,054.65 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 802.16 करोड़ रुपये था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।