28 वर्षों में 12 देशों से आगे निकली भारत की जीडीपी, जानिए किस वर्ष किस देश को पीछे छोड़ा
नीति आयोग की तरफ से बयान के बाद भारत की जीडीपी (India GDP) एक बार फिर चर्चा में है। वर्ष 1991 में उदारीकरण के बाद विकास दर में तेजी आई। उसके करीब पांच साल बाद भारत दुनिया की 16वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी था। अब इसके चौथे स्थान पर होने की चर्चा है। देखते हैं कि पिछले तीन दशक में भारत ने कब किस देश को पीछे छोड़ा।

नई दिल्ली। भारत की जीडीपी का साइज एक बार फिर चर्चा में है। कारण है नीति आयोग के दो वरिष्ठ अधिकारियों का बयान। करीब तीन दशक पहले भारत की जीडीपी दुनिया में 16वें स्थान पर थी। अब इसके चौथे स्थान पर होने की बात कही जा रही है। इस लेख में जानते हैं कि इस दौरान भारत साल-दर-साल (GDP growth timeline India) किस तरह आगे बढ़ता गया।
1991 में उदारीकरण के बाद भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ी। वर्ष 1997 से अब तक यह जीडीपी (India vs world GDP growth) के मामले में 12 देशों को पीछे छोड़ चुका है। इस वर्ष जापान और 2028 में जर्मनी से भी आगे निकल जाने की उम्मीद है। इस टेबल में आप देख सकते हैं कि भारत ने किस साल किस देश (countries India overtook in GDP) को पीछे छोड़ा -
GDP पर नीति आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने क्या कहा
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने पिछले दिनों एक बयान में कहा कि भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। इसके लिए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के आंकड़ों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि भारत आज जापान से बड़ा है। अगले तीन साल में भारत, जर्मनी को पीछे छोड़ देगा और अमेरिका तथा चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा।
हालांकि अगले ही दिन नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने बयान दिया कि भारत अभी चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने की राह पर है। यह 2025 के अंत तक जापान से आगे निकल जाएगा। नीति आयोग के ही दो वरिष्ठ अधिकारियों के बयान से कन्फ्यूजन फैला कि भारत वास्तव में कहां है।
क्या कहते हैं IMF के आंकड़े
आईएमएफ ने हाल ही वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (World Economic Outlook) का अप्रैल 2025 का संस्करण जारी किया। इसमें 2025 में भारत की इकोनॉमी 4187.01 अरब डॉलर और जापान की 4186.43 अरब डॉलर होने की बात कही गई है। क्योंकि यह आईएमएफ का ‘आउटलुक’ है, इसलिए कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत की जीडीपी इस साल के अंत में यहां तक पहुंच जाएगी।
IMF के अनुसार भारत की जीडीपी अगले साल, यानी 2026 में 4601.22 अरब डॉलर की हो जाएगी। तब जापान की जीडीपी 4373.09 अरब डॉलर की होगी। 2026 के बाद भारत का मुकाबला जर्मनी से रहेगा। अमेरिका और चीन के बाद जर्मनी अभी तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अगले साल उसकी जीडीपी 4911.74 अरब डॉलर की होगी।
भारत 2028 में जर्मनी से आगे होगा
आईएमएफ के मुताबिक 2027 में भारत, जर्मनी के बहुत करीब पहुंच जाएगा। भारत की जीडीपी 5069.47 अरब डॉलर और जर्मनी की 5083.21 अरब डॉलर की होगी। इस तरह, 2027 में भारत पहली बार 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनेगा। यही नहीं, भारत 2028 में जर्मनी से आगे निकल जाएगा। तब भारत की इकोनॉमी 5584.47 अरब डॉलर और जर्मनी की 5251.92 अरब डॉलर की रहेगी।
तीन दशक में कैसे बढ़ी भारत की इकोनॉमी
अब बजट (Union Budget) और आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) के आंकड़ों के आधार पर देखते हैं कि 1997-98 से लेकर अब तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP), सकल राष्ट्रीय आय (GNI), प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय और बजट के आकार में कितनी बढ़ोतरी हुई।
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक मौजूदा मूल्यों (Current Price) पर भारत की जीडीपी 1997-98 में 15,45,294 करोड़ रुपये थी। यह 2023-24 में 19 गुना बढ़कर 295,35,667 करोड़ रुपये हो गई। वर्ष 2025-26 के बजट में वित्त वर्ष के अंत तक जीडीपी 356,97,923 करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।
वर्ष 1997-98 में आम बजट का आकार 2,32,176 करोड़ रुपये था। यह 2025-26 में 22 गुना बढ़कर 50,65,345 करोड़ रुपये हो गया है।
सर्वेक्षण के अनुसार 1997-98 में मौजूदा मूल्य पर सकल राष्ट्रीय आय 15,32,089 करोड़ रुपये और प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय 14,311 रुपये थी। 2023-24 में सकल राष्ट्रीय आय 291,04,354 करोड़ रुपये और प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय 1,84,205 रुपये हो गई। इस तरह जीएनआई 19 गुना बढ़ा, जबकि प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय में करीब 13 गुना बढ़ोतरी हुई।
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