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    India Forex Reserves: लगातार दूसरे हफ्ते कम हुआ भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, 30 मिलियन डॉलर की हुई गिरावट

    By AgencyEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Fri, 01 Sep 2023 09:21 PM (IST)

    आरबीआई के अनुसार 25 अगस्त को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 30 मिलियन डॉलर गिरकर 594.858 बिलियन डॉलर हो गया। पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में यह 7.273 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 594.888 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था। केंद्रीय बैंक पिछले साल से रुपये की सुरक्षा के लिए अपने पूंजी भंडार से पैसा खर्च कर रहा है क्योंकि वैश्विक आर्थिक विकास का दबाव भंडार पर पड़ रहा है।

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    भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 594.858 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।

    नई दिल्ली, एजेंसी: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। आरबीआई के मुताबिक देश के फॉरेक्स रिजर्व में लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट देखने को मिली है।

    आरबीआई ने कहा कि 25 अगस्त को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 594.858 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। जो पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में, कुल भंडार 7.273 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 594.888 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था।

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    इस वक्त उच्च स्तर पर था विदेशी मुद्रा भंडार

    आपको बता दें कि अक्टूबर 2021 में, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। पिछले साल से वैश्विक विकास के कारण बने दबाव के बीच केंद्रीय बैंक ने रुपये की रक्षा के लिए पूंजी भंडार से खर्च किया था जिससे रिजर्व पर असर पड़ा है।

    विदेशी मुद्रा संपत्ति भी हुआ कम

    25 अगस्त को समाप्त सप्ताह के लिए, विदेशी मुद्रा संपत्ति, जो विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख घटक है, 538 मिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 527.249 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

    सोने का भंडार बढ़ा

    आरबीआई ने डेटा जारी करते हुए बताया कि सोने का भंडार 530 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 44.354 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

    इसके अलावा आरबीआई ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 11 मिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 18.194 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गए। समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ के साथ देश की आरक्षित स्थिति भी 12 मिलियन अमेरिकी डॉलर कम होकर 5.061 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई।

    किसी देश के लिए कितना जरूरी होता है विदेशी मुद्रा भंडार?

    विदेशी मुद्रा भंडार बाजार में अस्थिरता के समय किसी देश की मुद्रा के मूल्य में तेज गिरावट के खिलाफ सुरक्षा के रूप में कार्य करता है। केंद्रीय बैंक अपनी घरेलू मुद्रा को स्थिर करने और अत्यधिक मूल्यह्रास को रोकने के लिए डॉलर या अन्य आरक्षित मुद्राओं की आपूर्ति कर सकते हैं। इससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश में स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलती है।