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    India Forex Reserve: विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार सातवें हफ्ते गिरावट, दो साल के न्यूनतम स्तर पर

    By Abhinav ShalyaEdited By:
    Updated: Sat, 24 Sep 2022 09:04 AM (IST)

    India Forex Reserve देश का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 550 बिलियन डॉलर के नीचे पहुंच गया है। यह लगातार सातवां हफ्ता है जब इसमें गिरावट देखी गई है। यह गिरावट ऐसे समय पर आई है जब डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत की संभालने की आरबीआई कोशिश कर रहा है।

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    India Forex Reserve declined seventh straight week to 550 billion dollar

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 550 बिलियन डॉलर के नीचे पहुंच गया है। यह दो सालों में पहली बार जब देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस स्तर के नीचे आ गया है। पिछले सात हफ्तों से इसमें लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है और यह 30 बिलियन डॉलर तक कम हो गया है।

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    रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से जारी डाटा के मुताबिक, 16 सितंबर को समाप्त होने वाले हफ्ते तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) 5.21 बिलियन डॉलर कम होकर 545.65 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। इससे पहले वाले हफ्ते में 550.87 बिलियन डॉलर था।

    विदेशी मुद्रा अस्तियों में बड़ी गिरावट

    विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट विदेशी मुद्रा अस्तियों (Foreign Currency Assets -FCA) में कमी के कारण आई है। एफसीए विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे अहम घटक होता है। आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार, एफसीए में कई देशों की मुद्रा को शामिल किया जाता है, जिसमें अमेरिकी डॉलर, यूरो, पौंड स्टर्लिंग, जापानी येन आदि सहित अन्य प्रमुख मुद्राएं होती हैं। खास बात यह है कि इन सभी का मूल्य अमेरिकी डॉलर में निर्धारित किया जाता है। ऐसे में अगर डॉलर के मुकाबले इन मुद्राओं की कीमत में कमी आती है, तो विदेशी मुद्रा अस्तियों के मूल्य में गिरावट होती है।

    रुपये की स्थिति को संभालने की कोशिश

    जानकारों का मनाना है कि आरबीआई की ओर से डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति को संभालने की कोशिशों के चलते देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। आरबीआई के डाटा के मुताबिक, पिछले सात हफ्तों में विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 28.22 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है।

    डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपया

    रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया की अन्य मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति में काफी मजबूती देखने के मिली है। युद्ध शुरू होने के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 74 के आसपास था, जो अब घटकर 80 के भी नीचे आ गया है।

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