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    Bullet Train: अश्विनी वैष्णव ने बताया कब चलेगी देश की पहली बुलेट ट्रेन, 320 किमी प्रतिघंटा होगी स्पीड

    By Agency Edited By: Yogesh Singh
    Updated: Tue, 19 Mar 2024 09:39 PM (IST)

    मुंबई से ठाणे के लिए समुद्र के अंदर सुरंग बनाने का काम भी शुरू हो चुका है। इससे पहले रेल मंत्रालय ने बुलेट ट्रेन (Bullet train) का एक वीडियो साझा करते हुए कहा था कि दो शहरों के बीच 508 किमी लंबे मार्ग की दूरी महज दो घंटे में तय हो जाएगी। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

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    देश की पहली बुलेट ट्रेन 2026 में चलेगी-अश्विनी वैष्णव

    आईएएनएस, नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत के विकास का ब्योरा देते हुए कहा कि देश की पहली बुलेट ट्रेन वर्ष 2026 में चलने लगेगी। यह हाईस्पीड ट्रेन अहमदाबाद-मुंबई मार्ग पर सूरत से एक खंड पर चलेगी। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि इस साल के अंत तक भारत में पहले स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप को तैयार कर लिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने मंगलवार को X पर पोस्ट में कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में बुलेट ट्रेन के लिए तैयार रहें। विभिन्न स्टेशनों के निर्माण में खासी प्रगति हुई है।

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    320 किमी प्रति घंटा होगी स्पीड

    मुंबई से ठाणे के लिए समुद्र के अंदर सुरंग बनाने का काम भी शुरू हो चुका है। इससे पहले रेल मंत्रालय ने बुलेट ट्रेन का एक वीडियो साझा करते हुए कहा था कि दो शहरों के बीच 508 किमी लंबे मार्ग की दूरी महज दो घंटे में तय हो जाएगी। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इस मार्ग पर बुलेट ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 320 किमी प्रति घंटा रहने की उम्मीद है।

    स्लैब ट्रैक प्रणाली तकनीक का हुआ यूज

    इस कारिडोर के लिए भारत में पहली बार स्लैब ट्रैक प्रणाली तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। बुलेट ट्रेन इस रूट पर कुल 24 नदी पुलों, 28 स्टील ब्रिज और सात पर्वतीय सुरंगों को पार करेगी। इस कॉरिडोर में सात किमी लंबी समुद्र के अंदर टनल भी होगी।

    सेमीकंडक्टर चिप को लेकर भी दी जानकारी

    अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया कि इस साल के अंत तक दिसंबर महीने में देश की पहली सेमीकंडक्टर चिप को लांच कर दिया जाएगा। इसे बनाने का पहला प्रयास बहुत साल पहले 1962 में किया गया था। लेकिन जब तक आपकी नीति सही नहीं होती है, सफलता नहीं मिलती है। सही प्रतिबद्धता के साथ इसे साकार किया जा सकता है।

    उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रुचि ली है। जब इस विषय पर चर्चा के लिए उनसे 45 मिनट का समय मांगा गया, तो उन्होंने इस पर लगातार तीन घंटे तक चर्चा की। विगत एक मार्च को उन्होंने घोषणा की कि भारत सेमीकंडक्टर के निर्माण में ग्लोबल हब बनेगा।

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