ट्रंप का तेल वाला खेल, भारत और ब्राजील का हुआ तगड़ा मेल; टैरिफ के बीच संबंधों को मजबूत करने पर जोर
India-Brazil energy tie-up भारत अपस्ट्रीम क्षेत्र में भी संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में ऑयल इंडिया ने भारत के अपतटीय क्षेत्रों में हाइड्रोकार्बन संसाधनों की खोज और उत्पादन में सहयोग के लिए ब्राजील की सरकारी कंपनी पेट्रोब्रास के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
नई दिल्ली। India Brazil oil trade: भारत और ब्राजील ट्रंप टैरिफ के बीच (Trump Tariffs) अपने संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। टैरिफ के बीच एसएंडपी ग्लोबल (S&P Global Commodity Insights) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका के साथ बढ़ती व्यापारिक चिंताओं और टैरिफ अनिश्चितताओं के बीच, भारत ब्राजील के साथ अपने तेल व्यापार को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।
भारत का रूस से तेल का आयात (Crude Oil Import) अभी भी जारी है। भारतीय सरकारी और प्राइवेट रिफाइनरियां अपने स्रोतों में विविधता लाने की कोशिश कर रही हैं। ऐसे में भारत, ब्राजील से तेल आयात बढ़ा सकता है। भारत और ब्राजील दोनों पर अमेरिका ने 50 फीसदी का टैरिफ लगाया है।
भारत और ब्राजील तलाश रहे अवसर
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों ने ब्राजील से तेल आयात किया है। ये दोनों ही ब्राजील के कच्चे तेल के मुख्य खरीदार रहे हैं।
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S&P ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "US के हाई टैरिफ (Trump Tariffs) के कारण भारत और ब्राजील तेल व्यापार को बढ़ाने के अवसर तलाश रहे हैं। भारत रूसी तेल के विकल्प ढूंढ रहा है। ब्राजील अपने बढ़ते तेल उत्पादन के लिए नए बाजार की खोज कर रहा है। ऐसे में भारत उसके लिए बड़ा बाजार हो सकता है।"
भारत के लिए ब्राजील हो सकता है नया तेल विकल्प
S&P ग्लोबल के आंकड़ों के अनुसार 2025 की पहली छमाही में ब्राजील (Brazil) से तेल भारत की तेल आपूर्ति (Oil Supply) में सभी आपूर्तिकर्ताओं में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। दूसरी छमाही में इसमें और भी इजाफा हुआ है। पिछले साल की तुलना में ब्राजील से भारत की तेल आपूर्ति लगभग 75% बढ़कर 41,000 बैरल प्रतिदिन से 72,000 बैरल प्रतिदिन हो गई।
भारत-ब्राजील के मजबूत होते रिश्ते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी दोनों ने हाल ही में ब्राजील की यात्रा की थी। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच तेल व्यापार को लेकर चर्चा हुई थी। साथ ही चर्चा हुई थी कि भारत किस प्रकार दक्षिण अमेरिकी देश से कच्चे तेल का आयात बढ़ा सकता है और अपतटीय गहरे और अति-गहरे जल अन्वेषण और उत्पादन परियोजनाओं पर सहयोग के अवसरों का पता लगा सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी खरीद के चलते भारत पर 25 फीसदी की पेनल्टी लगाई है, जिससे भारत का कुल टैरिफ बढ़कर 50 फीसदी हो गया।
भारत और ब्राजील नीति निर्माता अन्य वस्तुओं पर अतिरिक्त टैरिफ के आर्थिक प्रभावों और व्यापारिक समझौतों पर विचार कर रहे हैं। टैरिफ की घोषणा के तुरंत बाद, मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति Lula Da Silva से बात की थी।
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भारत को ब्राजील के कच्चे तेल के लिए चीन से अधिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि एशिया का सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता चीन ईरान से कच्चा तेल प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहा है और अन्य विकल्पों की तलाश कर रहा है।
ट्रंप टैरिफ से निपटेंगे दोनों देश
भारत और ब्राजील इस समय अमेरिका के सबसे अधिक टैरिफ का सामना कर रहे हैं। इस टैरिफ की काट निकालने के लिए दोनों देशों रणनीतिक तौर पर आगे बढ़कर काम कर रहे हैं। भारत ने अपने तेल आयात में पहले ही विविधता लाई है। और अब उसमें ब्राजील एक प्रमुख निर्यातक होगा।
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