Tariff की लड़ाई WTO तक आई, भारत ने US-यूरोप समेत इन देशों पर दागे सुलगते सवाल; क्या ट्रंप देंगे जवाब?
Trump Tariff के बीच भारत ने WTO में अमेरिका ऑस्ट्रेलिया जापान समेत कई देशों को व्यापार पारदर्शिता को लेकर चुनौती दी है। भारत ने कृषि सब्सिडी और अमेरिका की आपदा राहत योजनाओं पर सवाल उठाए हैं। यह कदम अमेरिका द्वारा भारत की आपत्तियों को खारिज करने के बाद उठाया गया है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया ब्राजील कनाडा यूरोपीय संघ जापान पैराग्वे स्विट्जरलैंड और थाईलैंड से भी सवाल किए हैं।

नई दिल्ली। ट्रंप के टैरिफ (Trump Tariff) की लड़ाई अब वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन यानी WTO तक पहुंच चुकी है। भारत ने वैश्विक व्यापार में अधिक पारदर्शिता के लिए अपना प्रयास तेज कर दिया है। हिंदुस्तान का फोकस कृषि सब्सिडी के मुद्दे पर है। इस संबंध में भारत ने विश्व व्यापार संगठन में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और कई अन्य देशों को चुनौती दी है। ये चुनौती है प्रश्नों की। भारत ने इन देशों पर दर्जनभर से सुलगते सवालों की बौछार की है।
भारत ने 16 अरब डॉलर के पूरक आपदा राहत कार्यक्रम और राष्ट्रीय कृषि सुरक्षा कार्य योजना सहित कई अमेरिकी पहलों पर तीखे सवाल दागे हैं। यह कदम हाल ही में हुए एक व्यापार विवाद में अमेरिका द्वारा भारत की आपत्तियों को खारिज करने के बाद उठाया गया है। यह अमेरिका की दोहरी कृषि नीतियों की दो तरफा जांच सुनिश्चित करने के लिए नई दिल्ली की एक नई, अधिक मुखर रणनीति का संकेत माना जा रहा है।
25 और 26 सितंबर को होगी बैठक
WTO की कृषि समिति की 25-26 सितंबर को होने वाली बैठक के लिए भारत ने स्पष्टीकरण मांगा है कि मौजूदा समर्थन के साथ-साथ इन नई योजनाओं की आवश्यकता क्यों है? इससे होने वाले नुकसान को कैसे परिभाषित किया गया है, तथा अमेरिकी कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए क्या वित्तीय उपाय किए जा रहे हैं।
इन देशों से भी भारत ने पूछे सुलगते सवाल
भारत ने ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, यूरोपीय संघ, जापान, पैराग्वे, स्विट्जरलैंड और थाईलैंड से भी एक दर्जन से अधिक सवाल पूछे हैं। खास तौर पर ऑस्ट्रेलिया की बागवानी बाजार पहुँच पहल, ब्राजील के इको इन्वेस्ट कार्यक्रम और कनाडा की सिंचाई सब्सिडी जैसी योजनाओं पर सवाल उठाए गए हैं।
भारत करता है दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा प्रणाली का संचालन
भारत दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा प्रणालियों में से एक का संचालन करता है। इंडिया अपने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को रियायती दर पर अनाज उपलब्ध कराता है। कार्यक्रम, किसानों के लिए इनपुट सब्सिडी के साथ, देश के बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिस पर अकेले वित्त वर्ष 2025 में ₹1.5 ट्रिलियन से अधिक खर्च किए गए हैं।
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