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    चार ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने के कगार पर भारत, पांच ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में लगेगा इतना वक्त

    उदारीकरण के बाद हमें एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने में 16-17 साल लग गए। दो ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में सात साल लग गए। 2021-22 में हम तीन ट्रिलियन डॉलर की आर्थिकी वाले देश बने। इस काम में पांच साल लगने चाहिए थे लेकिन कोरोना महामारी के चलते दो साल बर्बाद हो गए। लेकिन अब भारत की अर्थव्यवस्था दोबारा पटरी पर आ गई है।

    By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 02 Jul 2024 08:20 PM (IST)
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    व्यापक आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने की जरूरत।

    कैंब्रिज, एएनआई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने वैश्विक विकास दर को पीछे छोड़ते हुए इस साल जीडीपी के चार ट्रिलियन डालर होने का अनुमान जताया है। सान्याल ने कहा, 'इस साल भारत की जीडीपी चार ट्रिलियन डालर तक पहुंच जाएगी और इस तरह हम जापान की बराबरी पर जाएंगे। हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ना जारी रखेंगे। पिछले साल हमारी विकास दर 8.2 प्रतिशत रही और इस साल हमें सात प्रतिशत से अधिक की विकास दर हासिल करने की उम्मीद है।'

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    एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने में लगे 17 साल

    कैंब्रिज इंडिया कांफ्रेंस के दौरान सान्याल ने कहा कि उदारीकरण के बाद हमें एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने में 16-17 साल लग गए। दो ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में सात साल लग गए। 2021-22 में हम तीन ट्रिलियन डॉलर की आर्थिकी वाले देश बने। इस काम में हमें पांच साल लगने चाहिए, लेकिन कोरोना महामारी के चलते दो साल बर्बाद हो गए। उन्होंने कहा कि अब हम चार ट्रिलियन का आंकड़ा केवल तीन साल में पार कर लेंगे। अगर कोई बड़ा झटका नहीं लगता है तो पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में सिर्फ दो साल लगेंगे।

    नौकरशाही में सुधार, वैश्विक व्यापार बढ़ाने की जरूरत

    चर्चा के दौरान सान्याल ने व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने, बैंकों का एनपीए कम होने, नौकरशाही में सुधार, वैश्विक व्यापार से जुड़ाव को बढ़ाने और नवीकरणीय और हरित प्रौद्योगिकियों के माध्यम से स्थायी ऊर्जा में निवेश करने के महत्व को रेखांकित किया। सान्याल ने भारत की कानूनी प्रणाली को आधुनिक बनाने का भी आह्वान किया। सान्याल ने निष्पक्ष परामर्श के बिना पर्यावरण, सामाजिक और शासन संबंधी मानक लागू करने की भी आलोचना की।

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