Trump Tariif के बीच इजरायल से आई खुशखबरी! अब भारत के साथ 80 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा बढ़ेगा ट्रेड
भारत और इजरायल ने द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने और सुरक्षित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। वित्त मंत्रालय के अनुसार इस समझौते से दोनों देशों के बीच निवेश में वृद्धि होने की संभावना है जो अभी 80 करोड़ डॉलर है। समझौते में अधिग्रहण से निवेशों की सुरक्षा पारदर्शिता और नुकसान के लिए मुआवजे का प्रावधान है।

नई दिल्ली। भारत और इजरायल ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य दोनों देशों में निवेश को बढ़ावा देना और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। वित्त मंत्रालय ने बताया कि इस समझौते में निवेशों को अधिग्रहण से सुरक्षित रखने, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और हानियों के लिए सुगम हस्तांतरण एवं मुआवजे की व्यवस्था के प्रविधान शामिल हैं।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस समझौते से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश बढ़ने की उम्मीद है, जो अभी कुल 80 करोड़ डालर है। इस समझौते से दोनों देशों के व्यवसायों और अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा। इस समझौते पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इजरायल के वित्त मंत्री बेजलेल स्मोट्रिच ने हस्ताक्षर किए।
अप्रैल 2000 से जून 2024 के दौरान भारत को इजरायल से 33.77 करोड़ डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) मिला है। भारत 12 से अधिक देशों के साथ द्विपक्षीय निवेश संधियों पर बातचीत कर रहा है।
उन्होंने पिछले 10 वर्षों से अधिक समय में भारत द्वारा किए गए सुधारों की श्रृंखला के बारे में जानकारी दी, जिससे भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है और देश में निवेश अनुकूल माहौल बना है।
वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज इज़राइल में हुए आतंकवादी हमले में निर्दोष लोगों की मृत्यु पर अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने दोनों देशों के सभ्यतागत मूल्यों के साझा मूल्यों का भी उल्लेख किया, जिन्होंने वैश्विक शांति में योगदान दिया है। दोनों मंत्रियों ने दोनों देशों के समक्ष आतंकवाद के खतरे को स्वीकार किया और एक-दूसरे के प्रति एकजुटता व्यक्त की।
इज़राइली वित्त मंत्री ने सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद उच्च आर्थिक विकास हासिल करने में दोनों देशों की मज़बूत साझा पृष्ठभूमि का ज़िक्र किया। इज़राइल के वित्त मंत्री ने साइबर सुरक्षा, रक्षा, नवाचार और उच्च-प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच बेहतर सहयोग की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
दोनों मंत्रियों ने वित्तीय प्रौद्योगिकी नवाचार, बुनियादी ढाँचे के विकास, वित्तीय विनियमन और डिजिटल भुगतान कनेक्टिविटी के क्षेत्र में आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया। वे दोनों देशों के बीच आर्थिक और वित्तीय सहयोग बढ़ाने और पारस्परिक आधार पर निवेश को बढ़ावा देने और उसकी सुरक्षा करने पर सहमत हुए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।