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    Independence Day 2024: आजादी के बाद रेलवे की बदल गई तस्वीर, स्टीम इंजन से वंदे भारत तक का तय किया सफर

    Updated: Thu, 15 Aug 2024 02:00 PM (IST)

    Indian Railways Historyभारतीय रेलवे का सफर भाप इंजन से शुरू हुआ और आज बुलेट ट्रेन तक पहुंचने वाला है। रेलवे के इस सुनहरे सफर में काफी उतार-चढ़ाव भी आए। इन उतार-चढ़ाव के साथ आज भारतीय रेलवे दुनिया के लिए मिसाल बन गया। आगामी सालों में भी भारतीय रेलवे को बेहतरीन बनाने के कई प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर..

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    उतार-चढ़ाव के साथ सफलता की ओर बढ़ा भारतीय रेलवे

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। वैसे तो भारतीय रेलवे का इतिहास आजादी से पहले का है, लेकिन जब सफर की बात आती है तो इसमें बड़े बदलाव आजादी के बाद देखने को मिले। अपने उतार-चढ़ाव भरे सफर के साथ आज इंडियन रेलवे अमृत महोत्सव के गंतव्य तक पहुंच गया है। आज हम आपको इस लेख में आजादी के बाद से लेकर अब तक के भारतीय रेलवे के सफर के बारे में विस्तार से बताएंगे।

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    दुनिया के लिए मिसाल है भारतीय रेलवे

    दुनिया में सबसे बड़े रेल नेटवर्क की जब भी बात आती है तो भारतीय रेलवे का नाम जरूर आता है। भारतीय रेलवे का नेटवर्क लगभग  वर्तमान में करीब 1.26 लाख किलोमीटर से ज्यादा का हो गया है। भारतीय रेल नेटवर्क के जरिए हर दिन करोड़ों की संख्‍या में लोग यात्रा करते हैं। भारत में ट्रेनें रोजाना जितनी दूरी तय करती हैं, अगर उसे मापें तो कुल दूरी करीब 36.78 लाख किलोमीटर की होगी। अब अगर इसकी तुलना अंतरिक्ष में धरती का एक चक्‍कर लगाने से करें, तो यह 97 बार पृथ्‍वी का चक्‍कर लगाने जितनी होगी। इसका मतलब है कि भारतीय रेलवे रोजाना धरती के चारों ओर 97 बार चक्‍कर लगाने जितनी दूरी तय करती है।

    भारतीय रेलवे का विकास

    आजादी के बाद से भारतीय रेलवे ने काफी विकास किया है। भारतीय रेलवे का भाप इंजन से लेकर वंदे भारत तक का यह सफर काफी अनोखा है। उम्मीद है कि आगामी पांच सालों में यह सफर शानदार रहने वाला है। देश के अभी कई रूट्स पर वंदे भारत दौड़ रही है और कुछ सालों में पहाड़ी इलाकों पर भी वंदे भारत दौड़ने लगेगी।

    अब रेलवे नेटवर्क में कश्मीर, पूर्वोत्तर और लद्दाख जैसे पहाड़ी इलाकों को भी जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा आर्थिक विकास के लिए रेलवे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है। रेलवे के विकास में वंदे भारत की अहम भूमिका है। यह भारत की बड़ी आबादी के लिए महत्वपूर्ण जीवन रेखा है।

    आने वाले कुछ वर्षों में भारतीय रेलवे विश्व स्तरीय सुविधाओं और अत्याधुनिक तकनीक वाली ट्रेनों से लैस होगा। इसका मतलब है कि रेलवे यात्रियों को और सुगम सुविधाएं मिलेगी।

    जल्द दौड़ेगी बुलेट ट्रेन

    भारत में वर्ष 2026 तक बुलेट ट्रेन के चलने की संभावना है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने  बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा की थी और बताया था कि साल 2026 तक भारत की पटरियों पर बुलेट ट्रेन दौड़ती हुई दिख सकती है। भारत की पहली बुलेट ट्रेन  मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलेगी। आज के समय में जहां मुंबई और अहमदाबाद के बीच सफर करने में छह घंटे लगते हैं। वही, बुलेट ट्रेन के बाद यह समय आधा हो जाएगा।

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    आर्च ब्रिज है उपलब्धि

    भारत के चिनाब नदी पर आर्च ब्रिज बन चुका है। इस ब्रिज का निर्माण यूएसबीआरएल प्रोजेक्ट के तहत हुआ। आर्च ब्रिज और अंजी ब्रिज इंजीनियरिंग का एक अद्वितीय उदाहरण पेश करती है। आर्च ब्रिज की वजह से रेल नेटवर्क में कश्मीर को सफलतापूर्वक जोड़ा गया है। आर्च ब्रिज के जरिये देशवासी आसानी से ट्रेन के माध्यम से कश्मीर पहुंच पाएंगे।

    भारतीय रेलवे अपने नेटवर्क के विस्तार के साथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी काम कर रहा है। इसके लिए भारतीय रेलवे द्वारा राजधानी दिल्ली के करीब 118 किलोमीटर और बाकी मंडलों पर भी  1175 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की टक्कर को रोकने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तकनीक का नाम‘कवच’ है, इससे ट्रेन हादसे को रोकने में सफलता हासिल होगी।

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