Move to Jagran APP

Income Tax Rates For FY 2021-22: नए और पुराने टैक्स स्लैब में जानिए कहां होगा आपको फायदा

पुराने/मौजूदा आयकर स्लैब में सेक्शन 80 सी के तहत निर्दिष्ट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करके अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है। इस तरह कर छूट मिलने से पुराने/मौजूदा आयकर स्लैब में भी पांच लाख तक की आय पर कोई टैक्स देनदारी नहीं बनेगी।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 08:30 PM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 07:08 AM (IST)
Income Tax Rates For FY 2021-22: नए और पुराने टैक्स स्लैब में जानिए कहां होगा आपको फायदा
Income Tax Rates For FY 2021-22 PC : Flickr

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आम बजट 2021 में आयकर स्लैब को लेकर कोई बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में पूर्व के आयकर स्लैब के दो विकल्प लागू रहेंगे। हालांकि, बजट 2021 में 75 वर्ष से अधिक के सीनियर सिटीजंस को कुछ राहत मिली है। बजट में प्रस्ताव लाया गया है कि अगर 75 वर्ष से अधिक के सीनियर सिटीजन की सालाना आय का एकमात्र स्रोत पेंशन आय और ब्याज आय है, तो उन्हें आयकर रिटर्न फाइल करने की आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे सीनियर सिटीजंस के मामले में बैंक स्वत: ही टीडीएस काट लेंगे।

loksabha election banner

चुनना होता है एक टैक्स स्लैब

वित्त मंत्रालय ने बजट 2020 में सैलरी क्लास के लिए आयकर के दो विकल्प दिये थे। ये विकल्प वित्त वर्ष 2020-21 से प्रभावी हैं। बजट 2021 में आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं होने से ये विकल्प नए वित्त वर्ष में भी लागू रहेंगे। करदाता अपना आयकर रिटर्न भरते समय इन दोनों मे से किसी एक विकल्प को चुन सकते हैं। इन दो विकल्पों में से एक विकल्प पुराना/मौजूदा टैक्स स्लैब है और दूसरा विकल्प है नया टैक्स स्लैब, जो बजट 2020 में लाया गया।

नए टैक्स स्लैब में कई कर छूटों को किया खत्म

पिछले बजट में लाए गए नए टैक्स स्लैब में दरों के अलावा बड़ा फर्क यह है कि इसमें विभिन्न तरह की छूटों को खत्म कर दिया गया है, जबकि पुराने/मौजूदा टैक्स स्लैब में विभिन्न तरह की टैक्स छूट का लाभ मिल रहा है। साथ ही सभी मामलों में आयकर देनदारी के साथ 4 फीसद हेल्थ एंड एजुकेशन सेस लगता है। आइए इन दोनों टैक्स स्लैब के बारे में विस्तार से जानते हैं।

बजट 2020 में लाया गया नया टैक्स स्लैब

आम बजट 2020 में लाए गए टैक्स स्लैब में दरें तो कम हैं, लेकिन इसमें सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाली व अन्य दूसरी कर छूटों को समाप्त कर दिया गया है। पिछले बजट में लाए गए टैक्स स्लैब में 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। 2.5 लाख से 3 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसद की दर से टैक्स है। साथ ही यू/एस 87ए के तहत 12,500 रुपये की कर छूट प्राप्त है।

तीन लाख से पांच लाख रुपये तक की आय पर भी पिछले वर्ग की तरह ही 5 फीसद की दर से टैक्स है और यू/एस 87ए के तहत 12,500 रुपये की कर छूट प्राप्त है। इस तरह इस टैक्स स्लैब में पांच लाख रुपये तक की आय तक 87ए के तहत कर छूट मिलने से कोई टैक्स देनदारी नहीं बनेगी।

इससे आगे 5 से 7.5 लाख रुपये की आय पर 10 फीसद की दर से टैक्स लगता है। 7.5 से 10 लाख रुपये की आय पर 15 फीसद की दर से टैक्स है। 10 से 12.50 लाख रुपये की आय पर 20 फीसद की दर से टैक्स है। 12.5 लाख से 15 लाख रुपये की आय पर 25 फीसद की दर से टैक्स है। इसके बाद 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसद की दर से टैक्स है।

नए टैक्स स्लैब में सभी आयु वर्ग के लिए एक समान हैं दरें

बजट 2020 में लाये गए टैक्स स्लैब में आयकर दरें 60 साल की आयु तक के लोगों, 60 साल से 80 साल की आयु तक के सीनियर सिटिजंस और 80 साल की आयु से अधिक के सुपर सीनियर सिटिजंस के लिए एक समान है।

पुराने/मौजूदा टैक्स स्लैब के अनुसार आयकर दरें (60 साल से कम के आयु वर्ग के लिए)

यहां भी 2.5 लाख रुपये की आय पर कोई कर देय नहीं है। 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर 5 फीसद की दर से टैक्स है। 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये की आय पर 20 फीसद की दर से टैक्स है। 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसद की दर से टैक्स है। इस आयु वर्ग के टैक्स स्लैब में 2.5 से 5 लाख रुपये की आय पर 87ए के तहत टैक्स छूट भी प्राप्त है।

पुराने/मौजूदा टैक्स स्लैब के अनुसार आयकर दरें (60 से 80 वर्ष आयु वर्ग के लिए)

यहां 3 लाख तक की आय पर कोई कर देय नहीं है। 3 से 5 लाख रुपये की आय पर 5 फीसद की दर से टैक्स है। 5 से 10 लाख रुपये की आय पर 20 फीसद की दर से टैक्स है। दस लाख से अधिक की आय पर 30 फीसद की दर से टैक्स है। इस आयु वर्ग में 3 से 5 लाख तक की आय पर 87ए के तहत टैक्स छूट भी प्राप्त है।

पुराने/मौजूदा टैक्स स्लैब के अनुसार आयकर दरें ( 80 वर्ष से अधिक के आयु वर्ग के लिए)

यहां 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। पांच से 10 लाख तक की आय पर 20 फीसद टैक्स है। दस लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसद टैक्स है।

पांच लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं

पुराने/मौजूदा आयकर स्लैब में सेक्शन 80 सी के तहत निर्दिष्ट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करके अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है। इस तरह कर छूट मिलने से पुराने/मौजूदा आयकर स्लैब में भी पांच लाख तक की आय पर कोई टैक्स देनदारी नहीं बनेगी।

नए टैक्स स्लैब का विकल्प चुनने पर शर्तें

नई कर व्यवस्था में रियायती दरों का विकल्प चुनने वाले करदाता को मौजूदा/पुरानी कर व्यवस्था में उपलब्ध कुछ छूट और कटौती को छोड़ना होगा। ऐसी 70 कटौतियां और छूटें हैं, जिनकी अनुमति नए टैक्स स्लैब में नहीं है। इनमें से सबसे अधिक उपयोग होने वाली निन्न हैं-

इन सामान्य कटौतियों और छूट की नए टैक्स स्लैब में नहीं है अनुमति

1. अवकाश यात्रा भत्ता (LTA)

2. मकान किराया भत्ता (HRA)

3. वाहन भत्ता

4. रोजगार के दौरान दैनिक खर्च

5. स्थानांतरण भत्ता

6. हेल्पर भत्ता

7. बच्चों को शिक्षा का भत्ता

8. अन्य विशेष भत्ते [धारा 10 (14)]

9. वेतन पर मानक कटौती

10. प्रोफेशनल टैक्स

11. आवास ऋण पर ब्याज (धारा 24)

12. अध्याय VI-A के तहत कटौती (80C, 80D और 80E)

इन कटौतियों की नए टैक्स स्लैब में है अनुमति

1. दिव्यांग लोगों के लिए परिवहन भत्ता

2. वर्क के दौरान यात्रा पर हुए व्यय के लिए भत्ता 

3. धारा 80CCD(2) के तहत अधिसूचित पेंशन योजना में निवेश

4. धारा 80JJAA के तहत नए कर्मचारियों के रोजगार के लिए कटौती

5. रोजगार के लिए या स्थानांतरण पर यात्रा के लिए कोई भत्ता


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.