Explainer: टैक्स सिस्टम में क्या बदलाव हुए, अब नया रिजीम अच्छा या पुराना; जानें सभी सवालों के जवाब
Union Budget 2025-26 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। उन्होंने न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम को टैक्स फ्री कर दिया है। उन्होंने टैक्स स्लैब में भी कुछ बदलाव किए हैं। इससे कंफ्यूजन भी पैदा हो गया है कि टैक्स छूट कैसे मिलेगी। आइए आपके सभी सवालों के जवाब जानते हैं।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को अपना लगातार आठवां बजट पेश किया। इसमें मध्यम वर्ग को भरपूर राहत देने की कोशिश की गई। इसका मकसद आम आदमी की बचत बढ़ाना है, ताकि खपत बढ़ाकर सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाई जा सके। वित्त मंत्री ने बजट में रिवाइज्ड टैक्स स्लैब का एलान भी किया है, जिससे लोगों में कंफ्यूजन बढ़ गया है। आइए टैक्स स्लैब के साथ यह भी समझते हैं कि अब नया टैक्स रिजीम अच्छा होगा या फिर पुराना।
नए टैक्स स्लैब क्या हैं?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव किया है। अब सैलरी पाने वाले शख्स को 4 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। वहीं, 4 लाख से 8 लाख रुपये तक की आय वालों को 5 फीसदी टैक्स देना होगा। 8 लाख से 12 लाख रुपये पर यह दर 10 फीसदी हो जाएगी। 12 लाख से 16 लाख रुपये, 16 लाख से 20 लाख रुपये और 20 लाख से 24 लाख रुपये की आय पर टैक्स रेट क्रमशः 15 फीसदी, 20 फीसदी और 25 फीसदी है।
स्लैब में क्या बदलाव हुआ?
पहले न्यू टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर शून्य टैक्स लगता था। अब सरकार ने इस लिमिट को बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया है। वहीं 5 फीसदी टैक्स स्लैब अब 4 से 8 लाख रुपये पर है। यह पहले 3 से 7 लाख रुपये था। वहीं, 7 से 10 लाख रुपये के टैक्स स्लैब पर 10 फीसदी टैक्स था। इसे अब रिवाइज्ड करके 8 से 12 लाख रुपये कर दिया गया है। 12 से 15 लाख रुपये के स्लैब में पहले 15 फीसदी टैक्स था। इससे बदलकर 12 से 16 लाख रुपये कर दिया गया है।
15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स स्लैब को अब टुकड़ों में बांट दिया गया है। 16 से 20 लाख रुपये के ब्रैकेट पर अब 20 फीसदी, 20 से 24 लाख रुपये पर 25 फीसदी और 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा।
16 लाख की इनकम पर कितना टैक्स?
अगर 16 लाख रुपये की सालाना आय की मिसाल ली जाए, तो 4 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगेगा। फिर 4 लाख से 8 लाख रुपये के स्लैब में 5 फीसदी टैक्स लगेगा। यह होगा 20,000 रुपये। वहीं 8 लाख से 12 लाख रुपये के स्लैब में 10 फीसदी टैक्स लगेगा, जो होगा 40,000 रुपये। और 12 लाख से 16 लाख रुपये के स्लैब में यह दर 15 फीसदी है, यानी 60,000 रुपये। ऐसे में आपको कुल 1,20,000 रुपये का टैक्स देना होगा। आप फिलहाल जो टैक्स दे रहे हैं, यह उसके मुकाबले 50,000 रुपये कम है।
अगर सैलरी 50 लाख रुपये है तो क्या होगा?
अब अधिक सैलरी वालों को नए स्लैब के हिसाब से 1 लाख रुपये से अधिक का लाभ मिलेगा। उदाहरण के लिए, 50 लाख रुपये प्रति वर्ष कमाने वाला व्यक्ति अब संशोधित स्लैब के अनुसार 10,80,000 रुपये का आयकर चुकाएगा, जो कि वर्तमान में उसके द्वारा चुकाए जाने वाले कर से 1,10,000 रुपये कम है। इसका प्रभावी अर्थ यह है कि नए स्लैब का उद्देश्य मध्यम आय वर्ग के हाथों में अधिक पैसा डालना है, ताकि खपत को बढ़ावा मिले और उच्च वेतन वाले व्यक्तियों को मामूली राहत मिले।
ओल्ड टैक्स रिजीम में क्या हुआ?
बजट दस्तावेज में स्पष्ट है कि संशोधित स्लैब उन लोगों के लिए हैं, जो न्यू टैक्स रिजीम को चुन रहे हैं। दरअसल, सरकार टैक्स सिस्टम में बदलाव करके उसे सरल करना चाहती है। इससे ज्यादा टैक्स सिस्टम से जुड़ सकेंगे। अभी बहुत से लोग टैक्स से जुड़ी जटिलताओं के चलते इससे दूर भागते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में ओल्ड टैक्स रिजीम का कोई जिक्र नहीं किया। इसका मतलब है कि पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
नई टैक्स रिजीम बेहतर या पुरानी?
इस सवाल का जवाब पूरी तरह से आपकी वित्तीय सेहत और निवेश से मिल रहे टैक्स डिडक्शन के लाभ पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी आय 16 लाख रुपये है और आप 4 लाख रुपये डिडक्शन दिखाते हैं, तो टैक्सेबल इनकम 12 लाख रुपये होगी। ऐसे में ओल्ड टैक्स रिजीम के हिसाब से आपको कुल 1,77,500 रुपये का आयकर देना होगा। यह न्यू टैक्स रिजीम के मुकाबले 57,000 रुपये अधिक है।
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