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    बड़ा खुलासा: IMF ने लोन के बदले पाक पर 11 नहीं बल्कि लगाईं 13 शर्तें, 12वीं शर्त पड़ेगी हर पाकिस्तानी पर भारी

    Updated: Wed, 21 May 2025 03:47 PM (IST)

    पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 1 अरब डॉलर का लोन हासिल करने में तो कामयाब हो गया लेकिन अब आईएमएफ की शर्तें उसे बांध कर रख रही हैं। इस बीच पता चला है कि इस एक अरब डॉलर के लोन के बदले आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने 11 नहीं बल्कि 13 शर्तें रखी हैं। इसमें 12वीं शर्त ऐसी है जो पाकिस्तान के लोगों की जेब ढीली कर देगी।

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    IMF का पाकिस्तान पर बड़ा खुलासा लोन के बदले 13 शर्तें, जनता पर बढ़ेगा बोझ!

     नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को जब एक अरब डॉलर को लोन दिया तब उस पर 11 शर्तें लगाई थीं। लेकिन अब जानकारी सामने आई है कि आईएमएफ ने पाकिस्तान पर दो और शर्तें थोपी हैं। इसमें से एक शर्त ऐसी है, जिससे पाकिस्तान के हर परिवार पर बोझ बढ़ना तय हो गया है।

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    IMF ने पाकिस्तान पर लगाई क्या नई शर्त?

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईएमएफ ने 11 पुरानी शर्तों के अलावा पाकिस्तान सरकार से 1 जुलाई से अपने केंद्रीय बजट के एक हिस्से के रूप में पेट्रोल और डीजल पर 5 रुपये प्रति लीटर कार्बन लेवी लगाने को कहा है। यह लेवी वर्ष 2027 तक वसूली जाएगी। अगले साल इस लेवी को और बढ़ाया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह निर्णय IMF और पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के बीच चर्चा के दौरान लिया गया। आईएमएफ ने 13वीं शर्त के रूप में कहा है कि पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को कम से कम 14 अरब डॉलर का भंडार बनाए रखना होगा।

    बता दें, आईएमएफ ने पाकिस्तान को यह 1 अरब डॉलर का लोन उस समय स्वीकृत किया था, जब दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात बने हुए थे। भारत ने इस लोन का यह कह कर विरोध किया था कि पाकिस्तान इस पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने और सैन्य खर्चों में करेगा।

    पाकिस्तान पर कुल कितना कर्ज?

    पाकिस्तान की आर्थिक हालत कितनी खराब है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान का कुल सार्वजनिक कर्ज और देनदारियां 62.88 लाख करोड़ रुपए है। यह पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का लगभग 74.3% है।

    अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने दिवालिया होने के कगार पर खड़े पाकिस्तान के लिए पिछले साल जुलाई में 7 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज मंजूर किया था। बेलआउट पैकेज के लिए IMF ने पाकिस्तान के सामने कई शर्तें रखी हैं। इनमें अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और उसमें स्थिरता लाना, कुछ ढांचागत बदलाव करना, मजबूत और समावेशी विकास का माहौल तैयार करना शामिल हैं।