पैसों के लिए IMF की शर्तों पर नाच रही पाकिस्तान सरकार, फिर आया एक और फरमान, शहबाज शरीफ को करना होगा कुबूल
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान सरकार से केंद्रीय बैंक के बोर्ड से वित्त सचिव को हटाने को कहा है और एक अन्य कानून में संशोधन की भी सिफारिश की है। इसके अलावा आईएमएफ ने इस्लामाबाद से स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में डिप्टी गवर्नर के दो रिक्त पदों को तुरंत भरने का अनुरोध किया है।
नई दिल्ली। नकदी संकट और कर्ज से जूझ रहे पाकिस्तान को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) लगातार लोन देते आया है, लेकिन पाकिस्तान की सरकार को कई शर्तों के साथ पैसा दिया है। अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF to Pakistan Government) ने पाकिस्तान सरकार से केंद्रीय बैंक के बोर्ड से वित्त सचिव को हटाने को कहा है और कमर्शियल बैंकों के निरीक्षण का आदेश देने के संघीय सरकार के अधिकार को रद्द करने के लिए एक अन्य कानून में संशोधन की भी सिफारिश की है। मंगलवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह कहा गया है।
आईएमएफ ने इस्लामाबाद से स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में डिप्टी गवर्नर के दो रिक्त पदों को तुरंत भरने का अनुरोध किया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्त सचिव को निदेशक मंडल से हटाने के लिए एसबीपी अधिनियम में संशोधन की सिफारिश की है।
IMF ने दूसरी बार जोर देकर कहा
इस अखबार के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में फेडरल सेक्रेटरी को हटाने का यह दूसरा प्रयास होगा।
अखबार ने कहा कि आईएमएफ की सिफारिशें, जो गवर्नेंस और भ्रष्टाचार निदान मिशन रिपोर्ट का हिस्सा हैं, जो संघीय सरकार की निगरानी को पूरी तरह से समाप्त करने के उद्देश्य से हैं।
2022 में, आईएमएफ के दबाव में सरकार ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को पूर्ण स्वायत्तता दे दी और बोर्ड में वित्त सचिव के मतदान के अधिकार को समाप्त कर दिया। पाकिस्तान में मौजूदा कानून के अनुसार, वित्त सचिव बोर्ड का सदस्य होता है लेकिन उसे मतदान का अधिकार नहीं होता है।
और मजबूत होगा पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक
आईएमएफ ने फाइनेंस सेक्रेटरी को हटाने के पीछ तर्क दिया है कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान बोर्ड से वोट-रहित सचिव को हटाने से केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता और मज़बूत होगी। हालाँकि, सूत्रों ने बताया कि सरकार ने अभी तक आईएमएफ की सिफ़ारिश स्वीकार नहीं की है, और इस पर चर्चा अभी भी जारी है।
पाकिस्तान सरकार में वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगज़ेब ने कहा कि ब्याज दरें निर्धारित करने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है, जो एसबीपी के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। उन्होंने आगे कहा कि विनिमय दर का निर्धारण बाजार द्वारा जारी रहेगा।
फिलहल, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के बोर्ड में गवर्नर और 8 नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक प्रांत से कम से कम एक निदेशक होता है। यह बोर्ड एसबीपी के संचालन, प्रशासन और प्रबंधन की देखरेख करता है और बैंक की गतिविधियों तक पूरी पहुँच रखता है।
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