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    पाकिस्तान के साथ नरमी बरतने के मूड में नहीं IMF! पेंशन पर टैक्स थोपने को कहा, GST भी बढ़ानी होगी

    Updated: Mon, 20 May 2024 03:36 PM (IST)

    पाकिस्तान इस वक्त भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने उसे इस संकट से उबारने के लिए काफी सख्त शर्तें रखी हैं जिससे महंगाई से जूझ रही जनता की कमर टूट सकती है। पाकिस्तानी समाचार एजेंसी ARY न्यूज के मुताबिक IMF मिशन ने पाकिस्तानी अधिकारियों से कहा है कि वे 1 लाख रुपये अधिक मासिक पेंशन पर टैक्स लगाएं। आइए जानते हैं पूरी खबर।

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    पाकिस्तान संकेत दे रहा है कि वह आईएमएफ की शर्तें मानने के लिए राजी है।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान इस वक्त भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने उसे इस संकट से उबारने के लिए काफी सख्त शर्तें रखी हैं, जिससे महंगाई से जूझ रही जनता की कमर टूट सकती है। पाकिस्तानी समाचार एजेंसी ARY न्यूज के मुताबिक, IMF मिशन ने पाकिस्तानी अधिकारियों से कहा है कि वे 1 लाख रुपये अधिक मासिक पेंशन पर टैक्स लगाएं।

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    ग्लोबल लेंडर IMF की एक अन्य 'मांग' यह है कि पाकिस्तान को नए बेलआउट पैकेज के लिए पेंशन रिफॉर्म्स करने की जरूरत होगी। पाकिस्तान और IMF के बीच नए लोन के लिए बातचीत आखिरी दौर में पहुंच गई है। IMF की मिशन टीम मंगलवार को पाकिस्तान अधिकारियों के साथ नीतिगत वार्ता शुरू करेगी।

    नरमी बरतने के मूड में नहीं IMF

    IMF ने पेंशन पर जो टैक्स लगाने का 'सुझाव' दिया है, उसका असर सिर्फ रईस पेंशनभोगियों पर होगा। इससे पाकिस्तान के नीति निर्माता उम्मीद कर सकते हैं कि उन्हें इसके लिए जरूरी विधायी समर्थन मिल जाएगा।

    लेकिन, आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच मौजूदा बातचीत से स्पष्ट जाहिर है कि नए बेलआउट प्रोग्राम के लिए पाकिस्तानी हुकूमत को कड़े आर्थिक उपायों को लागू करना होगा। हालांकि, पाकिस्तान भी लगातार संकेत दे रहा है कि उसका पीछे हटने का कोई इरादा नहीं और वह कर्ज लेने के लिए आईएमएफ से शर्तें मानने के लिए राजी है।

    18 प्रतिशत GSR बढ़ाने की मांग

    ARY न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 'नए बेलआउट प्रोग्राम' के लिए आईएमएफ की शर्तों के हिसाब पाकिस्तान को राजकोषीय खर्च और घाटे पर अंकुश लगाने की जरूरत होगी। इसने पिछले हफ्ते रिपोर्ट दी थी कि आईएमएफ मिशन ने पाकिस्तानी अधिकारियों से सामान्य बिक्री कर (जीएसटी) को 18 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए कहा था। यह फिलहाल 17 प्रतिशत है।

    चौथे दौर की वार्ता के दौरान आईएमएफ मिशन ने बीमा क्षेत्र में सुधार और एक अलग नियामक संस्था के गठन की भी मांग की। उसने तीन सरकारी स्वामित्व वाली बीमा कंपनियों का निजीकरण करने के लिए भी कहा है।

    (एएनआई से इनपुट के साथ)