रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट ने उड़ाई भारत की नींद, इजरायल-ईरान युद्ध बढ़ा तो GDP पर आएगा ऐसा संकट
रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि वित्त वर्ष 2026 में औसत कच्चे तेल की कीमत बढ़कर 80-90 डालर प्रति बैरल हो जाती है तो भारत का चालू खाता घाटा हमारे जीडीपी अनुमान 1.2-1.3 प्रतिशत से बढ़कर 1.5-1.6 प्रतिशत हो जाएगा।
नई दिल्ली, एएनआइ। इजरायल और ईरान के बीज जारी संघर्ष ने दुनिया के कई देशों को सकते में डाल दिया है। 13 जून से शुरू हुए इस संघर्ष में अब अमेरिका की भी एंट्री हो चुकी है। अगर दोनों देशों के बीच यह संघर्ष बढ़ता है तो भारत का भारत का चालू खाता 0.3 फीसदी तक बढ़ सकता है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अपनी रिपोर्ट से भारत की चिंता बढ़ा दी है।
बढ़ जाएगा भारत का GDP चालू खाता घाटा
पश्चिमी देशों में बढ़ रहे तनाव के चलते अगर कच्चे तेल की कीमतों में 10 डालर प्रति बैरल की वृद्धि होती है तो यह भारत के शुद्ध तेल आयात को लगभग 13-14 अरब डालर तक बढ़ा देगा। इससे भारत की जीडपी पर असर पड़ेगा। एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार भारत का चालू खाता घाटा जीडीपी के 0.3 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।
रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि वित्त वर्ष 2026 में औसत कच्चे तेल की कीमत बढ़कर 80-90 डालर प्रति बैरल हो जाती है तो भारत का चालू खाता घाटा हमारे जीडीपी अनुमान 1.2-1.3 प्रतिशत से बढ़कर 1.5-1.6 प्रतिशत हो जाएगा।
तेल की कीमतों में हुआ इजाफा
13 जून को शुरू हुए ईरान और इजरायल संघर्ष के बाद कच्चे तेल की कीमतें 64-65 डालर प्रति बैरल से बढ़कर 74-75 डालर प्रति बैरल हो गई हैं। प्राकृतिक गैस के आयात का लगभग 54 प्रतिशत हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर गुजरता और एलएनजी का एक बड़ा हिस्सा कतर और यूएई से आता है। अगर होर्मुज के मार्ग पर किसी तरह का व्यवधान आता है भारत की एलएनजी पर निर्भरता बढ़ सकती है।
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