खुशखबरी! ICICI बैंक ने विरोध के बाद वापस लिया 50000 रुपये मिनिमम बैलेंस रखने का नियम; जानें घटाकर अब कितना किया
आईसीआईसीआई बैंक ने शहरी क्षेत्रों में नए ग्राहकों के लिए न्यूनतम औसत शेष राशि की आवश्यकता को 50000 रुपये से घटाकर 15000 रुपये कर दिया है। ग्राहकों के विरोध के बाद यह फैसला लिया गया है क्योंकि बैंक ने पहले न्यूनतम बकाया राशि को 10000 रुपये से बढ़ाकर 50000 रुपये कर दिया था। इस संशोधन का उद्देश्य ग्राहकों को राहत देना है।

नई दिल्ली। ICICI बैंक ने शहरी क्षेत्रों में नए ग्राहकों के लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस (MAB) की जरूरत को 50,000 रुपये से घटाकर 15,000 रुपये कर दिया है। यह बदलाव ग्राहकों की ओर से भारी विरोध के बाद बैंक ने किया है। देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक द्वारा शहरी क्षेत्रों में नए ग्राहकों के लिए MAB जरूरत को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने के कुछ दिन बाद किया गया है।
हालांकि ये बदला हुआ मिनिमम एवरेज बैलेंस की जरूरत पहले की अपेक्षा अभी भी 5,000 रुपये अधिक है। अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नए ICICI बैंक ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस को भी 25,000 रुपये से घटाकर 7,500 रुपये कर दिया गया है। ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में पुराने ग्राहकों के लिए एमएबी 5,000 रुपये ही रहेगा।
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बुलेट पॉइंट में समझें क्या हुआ
- ICICI BANK ने मिनिमम बैलेंस का नियम बदला
- मिनिमम बैलेंस की सीमा घटाकर ₹15,000 की
- मेट्रो, शहरों में मिनिमम बैलेंस ₹15,000 किया
- छोटे शहरों में मिनिमम बैलेंस की सीमा ₹7500 की
- ग्रामीण इलाके में मिनिमम बैलेंस ₹2500 किया
- नए खातों के लिए मिनिमम बैलेंस की सीमा घटाई
- पिछले हफ्ते मिनिमम बैलेंस बढ़ाकर ₹50000 की थी
- मिनिमम बैलेंस का ये नियम 1 अगस्त से लागू
ICICI बैंक ने शनिवार को घोषणा की कि उसने न्यूनतम बकाया राशि को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है, जो अन्य बैंकों के विपरीत है, जिन्होंने अपने जुर्माने को तर्कसंगत बना दिया है।
भारत के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 2020 में न्यूनतम शेष राशि के नियम को समाप्त कर दिया था। अधिकांश अन्य बैंक काफी कम सीमा रखते हैं, जो आमतौर पर 2,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच होती है।
बैंक क्यों वसूलते हैं Minimum Balance Charge
क्यों वसूलता है Minimum Balance Charge?
आजकल बैंक (Minimum Balance Charge) कई तरह की सुविधाएं जैसे एटीएम, मोबाइल बैंकिंग और कस्टमर सपोर्ट देने का काम करता है। वहीं बैंक को अपना ऑफिस मेंटेन करना होता है। वहीं अपने स्टाफ को पे करना होता है। इसके साथ ही ये भी सुनिश्चित करना होता है कि सभी डिजिटल सर्विस सही तरीके से चले। इसलिए बैंक कई तरह के चार्ज वसूल कर, अपनी ये जरूरतें पूरी करता है।
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