ICICI बैंक ग्राहक सावधान! साइबर अपराधी कॉल कर खाली कर रहे बैंक अकाउंट, भूलकर भी न करें ये काम
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने अपने सभी ग्राहकों को चेतावनी देते हुए एक नोटिस जारी किया है। बैंक ने इंटरएक्टिव वॉइस रिस्पांस (IVR Call) कॉल से जुड़े स्कैम को लेकर कुछ उदाहरण भी दिए हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें साइबर अपराधियों ने ग्राहकों को ठगने के लिए पहले से रिकॉर्ड किए गए वॉइस मैसेज का इस्तेमाल किया।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आईसीआईसीआई बैंक ने अपने सभी ग्राहकों को चेतावनी देते हुए एक नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में बैंक ने इंटरएक्टिव वॉइस रिस्पांस (आईवीआर) कॉल को लेकर सतर्क रहने को कहा है।
आईसीआईसीआई बैंक ने इंटरएक्टिव वॉइस रिस्पांस (आईवीआर) कॉल से जुड़े स्कैम को लेकर कुछ उदाहरण भी दिए हैं।
ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें साइबर अपराधियों ने ग्राहकों को ठगने के लिए पहले से रिकॉर्ड किए गए वॉइस मैसेज का इस्तेमाल किया।
वॉइस मैसेज के जरिए साइबर अपराधियों ने ग्राहकों को फोन पर नंबर डायल करने को कहा, जिसके बाद साइबर अपराधियों की ग्राहकों के बैंक अकाउंट तक पहुंच बन सकी।
स्कैम की ऐसे करें पहचान
सोशल इंजीनियरिंग- स्कैमर कॉल करने से पहले ग्राहक की जानकारियां सोशल मीडिया से इकट्ठा कर सकता है, जिसके साथ ग्राहक का विश्वास जीता जा सकता है।
तत्काल जरूरत: स्कैमर अक्सर यूजर को ठगने के लिए डर या प्रेशर का माहौल क्रिएट करते हैं। यूजर को लीगल एक्शन को लेकर भी डराया जा सकता है। डर के माहौल में यूजर से बैंकिंग जानकारियां आसानी से पाई जा सकती हैं।
ऑटो-वॉइस सिस्टम: स्कैमर ऑटोमैटेड वॉइस सिस्मट का इस्तेमाल करते हैं। इस सिस्टम के साथ क्रेडिट कार्ड नंबर, पिन और सीवीवी मांगा जाता है।
असली लगने वाला सोर्स- स्कैमर यूजर को फंसाने के लिए बैंक या सरकारी एजेंसी के नाम पर झूठी कॉल करते हैं। ताकि, यूजर का विश्वास आसानी से जीता जा सके।
बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए कुछ सेफ्टी टिप्स भी शेयर किए हैं। इन सेफ्टी टिप्स के साथ बैंक ग्राहक इस तरह के स्कैम से सुरक्षित रह सकते हैं।
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स्कैम से ऐसे रहें सुरक्षित
- इस तरह के कॉल आने पर कॉल कट कर खुद अपने बैंक को कॉल कर जानकारियों को कन्फर्म करें।
- अनजान कॉलर सेंसेटिव जानकारियां लेने की कोशिश करता है तो उस पर एक बार में ही विश्वास न करें। जानकारियों को देने से बचें।
- किसी भी कॉलर के साथ बैंक ग्राहक अपने अकाउंट नंबर, कार्ड नंबर, पिन-पासवर्ड और ओटीपी शेयर न करें।
स्कैम का शिकार होने पर क्या करें
ग्राहकों को जागरुक करते हुए बैंक ने जानकारी दी है कि इस तरह के फ्रॉड को साइबर क्राइम पोर्टल (National Cyber Crime portal) पर रिपोर्ट करें। फ्रॉड की रिपोर्ट 1930 नंबर पर कॉल कर भी दी जा सकती है। इसके अलावा, 1800 1080 बैंक कस्टमर केयर पर भी बात की जा सकती है।
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