शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण के खिलाफ FIR, किस फाइनेंशियल फ्रॉड में फंसे ये सुपर स्टार, जानिए किसने किया केस
यह मामला हुंडई की एक एसयूवी कार से जुड़ा है। इस केस में हुंडई कंपनी के 6 अधिकारियों के खिलाफ कार में कथित तौर पर निर्माण संबंधी खामियां पाए जाने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण को भी ब्रांड व उसकी कारों के प्रचार के लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया है।
नई दिल्ली। बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के खिलाफ एक महिला ने एफआईआर दर्ज कराई है। दरअसल, यह मामला हुंडई की एक एसयूवी कार से जुड़ा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में शाहरुख, दीपिका और हुंडई कंपनी के 6 अधिकारियों के खिलाफ कार में कथित तौर पर निर्माण संबंधी खामियां पाए जाने को लेकर राजस्थान के भरपतपुर में एफआईआर दर्ज की गई है। दरअसल, शाहरुख और दीपिका दोनों हुंडई ऑटोमोबाइल के ब्रांड एंबेसडर हैं।
भरतपुर में यह मामला स्थानीय निवासी कीर्ति सिंह की शिकायत पर दर्ज हुआ है, जिसमें उन्होंने हुंडई अल्काज़ार एसयूवी को लेकर कंपनी को कई शिकायतें कीं, लेकिन हुंडई ने गौर नहीं किया और उनकी समस्याओं को ठीक करने के लिए कुछ नहीं किया।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, कीर्ति सिंह ने 2022 में 23 लाख रुपये से ज्यादा की कीमत में हुंडई अल्काजार एसयूवी खरीदी थी, लेकिन खरीदने के कुछ ही महीनों बाद कार में टेक्निकल इश्यू आने लगे। इस समस्या को लेकर कीर्ति सिंह ने कंपनी से कई शिकायतें कीं, लेकिन उन्हें कोई हल नहीं मिला।
शाहरुख-दीपिका केस में कैसे फंसे?
कीर्ति सिंह की याचिका में हुंडई मोटर इंडिया के टॉप अधिकारियों, मैनेजिंग डायरेक्टर एंसो किम, सीओओ तरुण गर्ग, और मालवा ऑटो सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी नितिन शर्मा और निदेशक प्रियंका शर्मा के नाम शामिल हैं। इसके अलावा, कीर्ति सिंह ने शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण को भी हुंडई ब्रांड व उसकी कारों के प्रचार के लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया है, और आरोप लगाया कि उनके कैंपेन ने खरीदारों को एक दोषपूर्ण उत्पाद पर भरोसा करने के लिए गुमराह किया। हालांकि, इस मामले में अब तक शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की टीम की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
कोर्ट के आदेश पर FIR
इस मामले में कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए कीर्ति सिंह ने पहले पुलिस से संपर्क किया, लेकिन जब पुलिस ने उनका मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया, तो उन्होंने अदालत का रुख किया। रिपोर्ट में बताया गया है कि अदालत के निर्देश के बाद, भरतपुर के मथुरा गेट थाने ने 25 अगस्त को आईपीसी की विभिन्न धाराओं और नई भारतीय न्याय संहिता के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
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