फिर से भारत का सबसे बड़ा दानदाता बना ये कारोबारी, मुकेश अंबानी से दिया 4 गुना ज्यादा दान, 5 साल में 10122 करोड़
Hurun Philanthropy List 2025: एडेलगिव और हुरुन फिलैंथ्रोपी लिस्ट 2025 में फिर से एचसीएल टेक के फाउंडर शिव नादर, दान देने के मामले में पहले पायदान पर रहे हैं। खास बात है कि पिछले पांच वर्षों में नादर के फाउंडेशन ने मुख्य रूप से शिक्षा के क्षेत्र में 10,122 करोड़ रुपये डोनेट किए हैं। वहीं, रिलायंस फाउंडेशन 626 करोड़ रुपये के साथ सूची में दूसरे स्थान पर है।
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Hurun Philanthropy List 2025
नई दिल्ली। देश के अरबपति कारोबारियों के दान और परोपकारी कार्यों (Hurun Philanthropy List 2025) की लिस्ट फिर से सामने आ गई है। इस बार भी एचसीएल टेक के फाउंडर शिव नादर (Shiv Nadar, दान देने के मामले में पहले पायदान पर रहे हैं। खास बात है कि शिव नादर और उनका परिवार पिछले पांच सालों में चौथी बार इस सूची में शीर्ष पर रहे, जिन्होंने पिछले साल शिव नादर फाउंडेशन के माध्यम से 2,708 करोड़ रुपये का दान दिया था। नादर ने प्रतिदिन 7.4 करोड़ रुपये का दान दिया, जिससे वे 'भारत के सबसे उदार व्यक्ति' बन गए। व्यक्तिगत दानदाताओं की सूची में भी नादर और उनके परिवार का दबदबा रहा, जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से 2,537 करोड़ रुपये दान दिया। कुल मिलाकर, पिछले पांच वर्षों में नादर के फाउंडेशन ने मुख्य रूप से शिक्षा के क्षेत्र में 10,122 करोड़ रुपये डोनेट किए हैं।
एचसीएल समूह, रिलायंस इंडस्ट्रीज, और इंफोसिस के फाउंडर्स समेत भारत के सबसे बड़े कारोबारी समूहों और फैमिली ऑफिसेज का एडेलगिव और हुरुन फिलैंथ्रोपी लिस्ट 2025 में नाम आया है।
टॉप पर शिव नदार, दूसरे और तीसरे पर कौन?
इन्फोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि और उनकी पत्नी रोहिणी नीलेकणि क्रमशः 356 करोड़ रुपये और 199 करोड़ रुपये के व्यक्तिगत दान के साथ सूची में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। रंजन पई और उनके परिवार ने लगभग 160 करोड़ रुपये दान किए।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की परोपकारी शाखा रिलायंस फाउंडेशन 626 करोड़ रुपये के साथ सूची में दूसरे स्थान पर है, जबकि बजाज ग्रुप ट्रस्ट ने 446 करोड़ रुपये का दान दिया है।
लिस्ट में जुड़े 12 नए सदस्य
सूची में शीर्ष 25 लोगों ने केवल तीन वर्षों में 50,000 करोड़ रुपये दान किए, औसतन हर दिन 46 करोड़ रुपये। 2025 की सूची में 191 परोपकारी लोग (12 नए सदस्य) शामिल हैं, जिन्होंने कुल मिलाकर 10,380 करोड़ रुपये दान किए, जो तीन साल पहले की तुलना में 85% अधिक है।
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रूंगटा संस ने सीएसआर के लिए 181 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जो उनकी निर्धारित राशि से 114 करोड़ रुपये अधिक था। इसी तरह, जिंदल स्टील एंड पावर ने सीएसआर के लिए 267 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो उनके निर्धारित व्यय से 100 करोड़ रुपये अधिक था।

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