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    UPI से पेमेंट करने जितना आसान होगा कर्ज लेना, RBI ने कर दिया है इंतजाम

    यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) से कर्ज लेने की पूरी प्रक्रिया आसान होगी। यह क्रेडिट प्रोसेसिंग में लगने वाले वक्त और पेपर वर्क को कम करने के हिसाब से डिजाइन किया गया है। यह ओपन आर्किटेक्चर को ओपन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) के साथ मिलाता है। इस वजह से फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशन प्लग एंड प्ले मॉडल में आसानी से जुड़ सकते हैं।

    By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 27 Aug 2024 01:39 PM (IST)
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    ULI प्लेटफॉर्म वाले ऐप्स पर आरबीआई की सीधी नजर रहेगी।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अभी लोन लेने की प्रक्रिया अभी काफी जटिल है। आपको तमाम कागजी कार्यवाही पूरी करनी पड़ती है। रोजाना बैंकों के चक्कर पड़ते हैं। लेकिन, सरकार अब इस प्रोसेस को काफी आसान करने वाली है। रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पेमेंट ऐप UPI की तरह यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) प्लेटफॉर्म लाने का एलान किया है।

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    RBI ने पिछले साल (अगस्त 2023) फ्रिक्शनलेस क्रेडिट यानी आसानी से कर्ज उपलब्ध कराने के लिए एक टेक्निकल प्लेटफॉर्म का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च था। केंद्रीय बैंक ने एक साल के पायलट प्रोजेक्ट के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन, डेयरी लोन, MSME लोन, पर्सनल लोन और होम लोन पर फोकस किया, जिनकी डिमांड अधिक रहती है।

    उपभोक्ताओं को क्या फायदा होगा?

    अभी भी कई ऐप तुरंत कर्ज देने का दावा करते हैं। लेकिन, इन पर RBI का नियंत्रण काफी सीमित है। इन ऐप पर कई बार मनमानी और मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप भी लगता है। लेकिन, ULI प्लेटफॉर्म वाले ऐप्स पर आरबीआई की सीधी नजर रहेगी, तो किसी गड़बड़ी की गुंजाइश भी कम रहेगी। इससे ऋण मूल्यांकन में काफी आसानी होगी, खासकर ग्रामीण और छोटे उपभोक्ताओं के लिए।

    कर्ज लेना आसान कैसे होगा?

    यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) से कर्ज लेने की पूरी प्रक्रिया आसान होगी। यह क्रेडिट प्रोसेसिंग में लगने वाले वक्त और पेपर वर्क को कम करने के हिसाब से डिजाइन किया गया है। यह ओपन आर्किटेक्चर को ओपन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) के साथ मिलाता है। इस वजह से फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशन 'प्लग एंड प्ले' मॉडल में आसानी से जुड़ सकते हैं।

    ULI प्लेटफॉर्म काम कैसे करेगा?

    ULI ऐप आधार, ई-KYC, राज्य सरकार के लैंड रिकॉर्ड, पैन वैलिडेशन और अकाउंट एग्रीगेटर समेत अलग-अलग सोर्सेज से डेटा जुटाएगा। इसे डेयरी सहकारी समितियों से दूध के डेटा और घर या संपत्ति सर्च डेटा जैसी सर्विसेज के साथ भी लिंक किया जाएगा। आप जैसे यूपीआई में बस पिन डालकर पेमेंट कर देते हैं, उसी तरह से पात्र होने पर पिन डालकर कर्ज भी ले सकेंगे।

    UPI जितना सफल होगा ULI?

    यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को अप्रैल 2016 में लॉन्च हुआ था। अपने 8 साल के सफर में यूपीआई ने डिजिटल पेमेंट की दुनिया बदल कर रख दी। पान की दुकान से लेकर सब्जी के ठेले तक आपको क्यूआर कोड स्कैनर लगे दिख जाएंगे। कई अन्य देशों ने भी यूपीआई मॉडल को अपनाया है। ULI को यूपीआई वाली कामयाबी दोहराने के लिए यूजर को वैसा ही एक्सपीरियंस देना पड़ेगा।

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