ट्रंप टैरिफ ने सब किया तबाह... चीन पर इस चिप कंपनी का था पूरा कब्जा! अमेरिकी अरबपति का छलका दर्द
कभी चीन के AI मार्केट पर Nvidia का दबदबा था, लेकिन अब ट्रंप टैरिफ की वजह से कारोबार शून्य हो (Nvidia market share in china) गया है। ट्रंप-युग के टैरिफ और एक्सपोर्ट बैन ने Nvidia को नुकसान पहुंचाया है, जिससे Huawei जैसी चीनी कंपनियों को फायदा हो रहा है। चीन अब स्थानीय कंपनियों पर निर्भर हो रहा है, जिससे दोनों देशों के इनोवेशन को नुकसान हो रहा है।

ट्रंप टैरिफ की वजह से अब अमेरिकी कंपनी अपने सभी फाइनेंशियल प्लान्स में चीन से शून्य मानकर चल रही है।
नई दिल्ली। एक वक्त था जब Nvidia के बिना चीन का AI और कंप्यूटर मार्केट अधूरा था। लेकिन अब वही कंपनी कह रही है कि 'हमारे पास अब चीन मार्केट में कुछ नहीं बचा। सिटाडिल सिक्योरिटी को दिए एक इंटरव्यू के दौरान Nvidia के फाउंडर और CEO जेंसन हुआंग (Jensen Huang) ने खुलकर अपना दर्द जाहिर किया है।
उन्होंने कहा, ''हम चीन में 95% मार्केट शेयर पर थे पर अब वहां से 0% पर (Nvidia market share in china) आ गए हैं। मुझे नहीं लगता कोई भी पॉलिसीमेकर इसे अच्छा विचार मानेगा कि अमेरिका की एक नीति के चलते हमने दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक को पूरी तरह खो दिया।''
चीन में अब जीरो कारोबार
हुआंग ने साफ कहा कि अब कंपनी अपने सभी फाइनेंशियल प्लान्स में चीन से ‘शून्य’ रेवेन्यू मानकर चल रही है। उन्होंने कहा, “अगर कोई निवेशक यह सुन रहा है, तो जान लीजिए कि मेरे अनुमान में चीन से कुछ नहीं आने वाला है। अगर कुछ होता है तो वह हमारे बोनस जैसा होगा। चीन, जो कि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कंप्यूटर मार्केट है, वह अब Nvidia के लिए बंद हो चुका है।
ट्रंप की पॉलिसी ने किया सब खत्म?
दरअसल, अमेरिका ने 2022 से Nvidia के A100, H100 और H200 जैसे एडवांस AI चिप्स की चीन में बिक्री पर रोक लगा दी थी। कंपनी ने इसके बाद चीन के लिए थोड़ा कमजोर H20 चिप बनाया, लेकिन बीजिंग ने उस पर भी सिक्योरिटी का बहाना लगाकर संदेह जता दिया।
हुआंग का कहना है कि ये रोक सिर्फ चीन को नहीं, बल्कि अमेरिका को भी नुकसान पहुंचा रही है। उनके शब्दों में में कहे तो जो चीज चीन को नुकसान पहुंचाती है, वो अक्सर अमेरिका को भी चोट पहुंचाती है और कभी-कभी उससे भी ज्यादा होता है।
ट्रंप टैरिफ और अब एक्सपोर्ट बैन, दोनों ने किया तबाह
कई एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ये सब ट्रंप-युग के टैरिफ और बाद की एक्सपोर्ट पॉलिसीज का असर है। Nvidia जैसे अमेरिकी दिग्गज अब उस मार्केट से बाहर हैं, जहां Huawei और दूसरे चीनी चिपमेकर तेजी से अपनी पकड़ बना रहे हैं।
हुआंग ने कहा कि हम किसी देश की सेवा तभी कर सकते हैं जब वो हमें वहां काम करने दे। जो हो रहा है, वो निराशाजनक है, लेकिन हमें उम्मीद है कि ये माहौल बदलेगा।
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चीन का जवाब अब अपने दम पर आगे बढ़ेंगे
दूसरी तरफ, चीन ने भी अब कमर कस ली है। चीनी सरकार ने बड़ी टेक कंपनियों को Nvidia के चिप्स की टेस्टिंग और खरीद बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही, हाल ही में चीन के रेगुलेटर्स ने Nvidia पर एंटीट्रस्ट रूल्स तोड़ने का आरोप भी लगाया है।
इस कदम से साफ है कि बीजिंग अब पूरी तरह लोकल कंपनियों जैसे Huawei पर निर्भर होना चाहता है।
इस टेक वॉर से असली नुकसान किसे?
हुआंग का दर्द ये दिखाता है कि अमेरिका-चीन की ये "टेक जंग" दोनों तरफ के इनोवेशन को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि चीन में दुनिया के करीब 50% AI रिसर्चर हैं। अगर वो अमेरिकन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं करेंगे, तो नुकसान सबको होगा।
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