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    Gold Storage Rule: घर में गोल्ड रखने पर भी देना पड़ता है टैक्स? जानिए क्या कहता है नियम

    Updated: Tue, 09 Jul 2024 01:30 PM (IST)

    Gold Storage Rule In India भारत में सोना खरीदना या गिफ्ट करने की परंपरा काफी पुरानी है। लोग सोना खरीदकर घर पर रखते हैं। हालांकि सिक्योरिटी को देखते हुए कई लोग बैंक लॉकर में गोल्ड रखते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आप घर में कितना गोल्ड रख सकते हैं। अगर लिमिट से ज्यादा गोल्ड रखते हैं तो क्या होगा।

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    घर में गोल्ड रखने की है एक तय लिमिट

     बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। Gold Storage Rule: भारत में गोल्ड (Gold) खरीदना शुभ के साथ निवेश के लिए भी काफी पॉपुलर है। यहां तक कि शादी, बर्थडे या कोई बड़े फेस्टिवल में इसे गिफ्ट के तौर पर भी दिया जाता है। वैसे तो भारतीय महिलाओं को गोल्ड ज्वेलरी  (Gold Jewellery) को लेकर एक अलग ही क्रेज है।

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    गोल्ड बहुत महंगा है और इसको सिक्योर रखने के लिए कई लोग बैंक लॉकर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, वहीं कई लोग इसे घर पर ही रखते हैं। ऐसे में घर में कितना गोल्ड रख सकते हैं (Gold Store Rule in India), इसके नियम को लेकर अभी भी कई लोग अनजान हैं। अगर घर में लिमिट से ज्यादा गोल्ड रखते हैं तो हमें उसका हिसाब देना होता है।

    कितनी है गोल्ड रखने की लिमिट (How Much Gold You Can Keep At Home)

    वर्ग
    कितना सोना रख सकते हैं
    अविवाहित महिला 250 ग्राम
    अविवाहित पुरुष 100 ग्राम
    विवाहित महिला 500 ग्राम
    शादीशुदा पुरुष 100 ग्राम

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    गोल्ड पर भी देना होता है टैक्स

    सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) के नियमों के मुताबिक अगर घर में एक लिमिट से ज्यादा गोल्ड होता है तो इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है। वहीं, घर में रखा हुआ सोना का सबूत भी होना चाहिए। प्रूफ के तौर पर सोना कहां से खरीदा गया है या फिर किसके द्वारा गिफ्ट दिया गया है।

    CBDT के सर्कुलर के अनुसार अगर विरासत में कोई सोना या गोल्ड ज्वेलरी मिलती है तब कोई टैक्स नहीं देना होता है। लेकिन, अगर विरासत में मिली गोल्ड ज्वेलरी को बेच दिया जाता है तब टैक्स का भुगतान करना होता है।

    वहीं, अगर किसी व्यक्ति ने कोई गोल्ड ज्वेलरी खरीदी और तीन साल के भीतर ही उसे बेच दी तब उसे शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Short-Term Capital Gain Tax) देना होगा। 3 साल के बाद सोना बेचने पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Long-Term Capital Gain Tax) देना होता है।

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