कितने पैसों का लेन-देन है सही? जानिए क्या कहता है Income Tax का नियम
cash transaction rule आज हम ज्यादातर लेन-देन के लिए यूपीआई ऐप जैसे पेटीएम फोन पे और गूगल पे लेन-देन के लिए इस्तेमाल करते हैं। हालांकि इस लेन-देन पर भी इनकम टैक्स विभाग द्वारा एक लिमिट या सीमा तय की गई है। अगर कोई व्यक्ति लिमिट से ज्यादा रुपये का ट्रांसजेक्शन करता है तो उसे इनकम टैक्स विभाग की जांच का सामना करना पड़ सकता है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। इस डिजिटल दुनिया में यूपीआई (Unified Payments Interface) ने लेन-देन और आसान बना दिया है। यूपीआई सर्विस आने से पैसों या कैश की चोरी का डर भी खत्म हो गया है। हालांकि नई तकनीक के अपने फायदे और नुकसान है।
जितनी ज्यादा चीजें आधुनिक होती जा रही है, चोरी और धोखाधड़ी का खतरा उतना बढ़ गया है। इसलिए सरकार ने इन तकनीकी इस्तेमाल को लेकर अलग-अलग नियम तय किए हैं। इसी तरह से धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार रोकने के लिए इनकम टैक्स विभाग द्वारा लेन-देन और पेमेंट को लेकर कुछ नियम तय किए गए हैं।
कितने रुपये की जा सकती है ट्रांसजेक्शन?
इनकम टैक्स के सेक्शन 269ST के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक दिन में 2 लाख रुपये तक ट्रांसजेक्शन कर सकते हैं। अगर ट्रांसजेक्शन अमाउंट बताई गई लिमिट से ज्यादा होता है, तो आपको इनकम टैक्स विभाग का खतरा हो सकता है।
इन स्थिति में 2 लाख से ज्यादा ट्रांसजेक्शन नहीं है ठीक
कोई भी व्यक्ति किसी संस्था या दूसरे व्यक्ति को 2 लाख रुपये ज्यादा ट्रांसजेक्शन नहीं कर सकता
एकमुश्त या अलग-अलग ट्रांसजेक्शन पर 2 लाख रुपये से ज्यादा कैश ट्रांजैक्शन पर रोक है।
इसके साथ ही इनकम टैक्स में लेन-देन और पेमेंट को लेकर कुछ नियम तय किए गए हैं। जैसे
सेक्शन 40A(3) और 43 के तहत कैश पेमेंट को लेकर नियम तय किए गए हैं।
इसके साथ ही सेक्शन 269SS, 269ST के तहत कैश लेन-देन को लेकर नियम बनाए गए हैं।
इनकम टैक्स नोटिस से कैसे बचें?
अगर आप इनकम टैक्स के नोटिस से बचना चाहते हैं, तो अपने हर लेन-देन को लेकर ट्रांसपेरेंसी रखना जरूरी है। कोशिश करें कि चाहे कैश हो या यूपीआई हर लेन-देन का आपके पास बिल या कोई सबूत हो। खासकर ऐसी ट्रांसजेक्शन जो बड़े वस्तु या सामान के खरीदने और बेचने पर की जाएं, उसका बिल लेना जरूरी है। ताकि आपको भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी ना हो।
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