Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आपकी जेब से चुपके से पैसे लेकर बैंक करता है अपनी कमाई, इन चार्ज से वसूलता है मोटा पैसा

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 03:48 PM (IST)

    आज बड़े शहरों में शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसका बैंक अकाउंट न हो। बैंक हमारे लिए एक जरूरत बन चुका है। क्या आपने कभी सोचा है कि बैंक अपनी कमाई (Bank Income Sources) कहां-कहां से कर सकता है। ये कैसे ग्राहकों से पैसे वसूलता है। वहीं इसकी सबसे ज्यादा कमाई कहां से होती है।

    Hero Image
    बैंक कैसे करते हैं कमाई, जानिये यहाँ!

     नई दिल्ली। शहरी इलाकों में बैंक एक जरूरत बन चुका है। चाहे सैलरी क्रेडिट होनी हो, एफडी के जरिए निवेश करना हो या फिर एटीएम के जरिए जब चाहे कैश निकासी करनी हो। इन सभी काम के लिए बैंक में खाते की जरूरत होती है। धीरे-धीरे बैंक सर्विस हमारी चाहत नहीं, बल्कि जरूरत बन चुका है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लेकिन क्या आपने सोचा है कि ये बैंक अपनी सर्विस के बदले कैसे कमाई करता है। बैंक को कहां से सबसे ज्यादा कमाई होती है, आइए समझते हैं। आपने ये देखा होगा कि बैंक एफडी और सेविंग अकाउंट में कम चार्ज देता है, लेकिन लोन देते वक्त हाई चार्ज वसूलता है।

    जो पैसा आप बैंक में जमा करते हैं, उन्हीं पैसों को उधार देकर ये अपनी कमाई करता है। इसकी कमाई के कई अन्य विकल्प भी मौजूद है।

    इंटरचेंज फीस (Interchange Fees)

    जब आप क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड का उपयोग करते हैं, तब सर्विस पर बैक आपसे इंटरचेंज फीस वसूलता है। जब भी आप इन कार्ड का उपयोग करते हैं, तब आपसे ये चार्ज लिया जाता है।

    एटीएम विड्रॉल फीस (ATM Withdrawal Fees)

    एटीएम विड्रॉल फीस हाल ही में चर्चा में आई थी। क्योंकि इसके चार्ज का अमाउंट बढ़ा दिया गया है। शहरी इलाकों में तीन ट्रांजैक्शन तक मुफ्त है। इसका मतलब है कि आप तीन बार तक कैश निकाल सकते हैं। लेकिन चौथी बार पैसा निकालने पर आपको प्रति ट्रांजेक्शन पर चार्ज देना होगा।

    मिनिमम बैलेंस फीस (Minimum Balance Fees)

    मिनिमम बैलेंस फीस भी हाल ही में चर्चा का विषय बना था। क्योंकि कुछ प्राइवेट बैंकों द्वारा ये फीस अमाउंट बढ़ा दिया गया था। हालांकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसे सरकारी बैंक ये चार्ज नहीं लगाते। सेविंग अकाउंट में हर ग्राहक को एक मिनिमम बैलेंस रखना होता है, अगर ऐसा करने में असमर्थ होते हैं, तो आपसे फीस वसूली जाती है।

    लेट पेमेंट फीस (Late Payment Fees)

    अगर कोई ग्राहक क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर नहीं चुकाता है, तो उसे लेट पेमेंट फीस देनी होती है।

    इसके अलावा अगर आप बैंक से निवेश से जुड़ी सर्विस ले रहे हैं, तो इन्वेस्टमेंट फीस देना होगा।

    और कहां-कहां करते हैं कमाई ?

    चार्ज के अलावा बैंक अलग-अलग तरह की सरकारी सिक्योरिटी में भी पैसा लगाते हैं। जिनसे उन्हें कमाई होती है।