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    कैसे होती है Cryptocurrency Trading? कितना मिलता है फायदा, क्या हैं इसके जोखिम

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Sat, 08 Apr 2023 07:10 PM (IST)

    Cryptocurrency Trading क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पूरी तरह से मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है। इसी के मुताबिक किसी भी क्रिप्टोकरेंसी का दाम बाजार में तय होता है। इसमें ब्लॉकचेक की भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आइए जानते हैं विस्तार से... (जागरण फाइल फोटो)

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    What is Crypto Trading and How its Works in market

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पिछले कुछ समय में दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी का चलन तेजी से बढ़ा है। कोरोना काल के दौरान कुछ लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में मुनाफा कमाया, तो कुछ को नुकसान उठाना पड़ा। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी ट्रेंडिग, क्रिप्टोकरेंसी मार्केट काम कैसे करता है और इसमें ट्रेंडिग करने से किसे फायदा होता है और इसके साथ क्या जोखिम जुड़े हुए हैं।

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    कैसे होती है क्रिप्टोकरेंसी ट्रेंडिग?

    दुनिया में मौजूद लगभग सभी क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड है। इसका मतलब है इसे किसी भी सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त नहीं है। इनका संचालन दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में उपलब्ध कंप्यूटरों के माध्यम से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की मदद से किया जाता है। आप इनकी खरीद-बिक्री क्रिप्टो एक्सचेंज के वॉलेट के माध्यम से कर सकते हैं।

    क्या होती है ब्लॉकचेन?

    ब्लॉकचेन एक डिजिटल रजिस्टर होता है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी से लेनदेन से जुड़ी सारी जानकारी जमा कर रखी जाती है। जब भी कोई लेनदेन करता है, तो उसे ब्लॉकचेन के माध्यम से रीफाई किया जाता है। इसी प्रोसेस को माइनिंग कहते हैं और इसके कारण ही किसी क्रिप्टोकरेंसी के नए यूनिट्स बाजार में आते हैं।

    क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैसे काम करती है?

    क्रिप्टोकरेंसी मार्केट पूरी तरह से मांग और आपूर्ति पर निर्भर करता है। जब मांग अधिक होती है, तो किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत ऊपर जाती है और जब अपूर्ति अधिक होती है, तो कीमत नीचे जाती है।

    ट्रेंडिग करने से किसे होता है फायदा?

    अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग करते हैं तो आपको एक्सचेंज का इस्तेमाल करना पड़ेगा और आपको क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए कमीशन आदि का भुगतान करना होगा। बेचने पर कॉइन्स आपके वॉलेट से निकलकर, जो व्यक्ति खरीद रहा होगा। उसके खाते में चले जाएंगे। वहीं, खरीदने पर इसका उल्टा होगा।

    क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिम

    • क्रिप्टोकरेंसी में काफी उतार-चढ़ाव बना रहता है।
    • क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया के बड़े केंद्रीय बैंकों से मुद्रा के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है।
    • क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कई फ्रॉड हाल के दिनों में दुनिया में सामने आ चुके हैं।
    • भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन पर टैक्स है और आरबीआई भी धीरे-धीरे इसमें लेनदेन के नियमों को सख्त बनाता जा रहा है।