Election का शेयर बाजार से क्या होता है कनेक्शन? आंकड़ों की जुबानी समझें ये पूरी कहानी
Election Impact on Stock Market हर व्यक्ति लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के परिणामों का इंतजार कर रहा है। लेकिन वहीं निवेशक इस उम्मीद में हैं कि चुनाव के बाद शेयर बाजार की चाल कैसे रहेगी। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि आखिर चुनाव का शेयर बाजार के साथ क्या कनेक्शन है? यह दोनों एक दूसरे को कैसे प्रभावित करते हैं?
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। शेयर बाजार (Share Market) में कभी तेजी आती है तो बाजार कभी गिरावट के साथ कारोबार करता है। किसी दिन बाजार नई ऊंचाइयों को छूता तो कभी बाजार में भारी गिरावट देखने को मिलती है। अगर बात चुनाव की हो तो आम जनता का फोकस रहता है कि कौन-सा चुनावी दल को सत्ता मिलेगी। वहीं शेयर बाजार के निवेशकों का ध्यान बाजार की चाल पर रहता है।
देश में लोकसभा का चुनाव शुरू हो गया है। अभी तक चार चरणों में वोटिंग हो गई है। अब 20 मई, 25 मई और 1 जून को वोटिंग होगी। चुनाव के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव वाला माहौल बना हुआ है ।
वैसे तो एक्सपर्ट का कहना है कि चुनावी परिणामों के बाद बाजार में तेजी आएगी। ऐसे में सवाल आता है कि आखिर चुनाव का बाजार के साथ क्या कनेक्शन है?
क्या है चुनाव और मार्केट का कनेक्शन
कहा जाता है कि देश में अगर स्थिर सरकार रहती है तो बाजार में तेजी आती है। वहीं, अगर सरकार में बदल जाती है तो इसका असर बाजार पर पड़ता है।
पिछले 10 साल से भारत में बीजेपी की सरकार है, यानी स्थिर सरकार है। अगर सेंटीमेंट पूरी तरह से पॉजिटिव नहीं आता है तब स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
शेयर बाजार और चुनाव की जुगलबंदी देखने को समझने के लिए हमें एक बार पुराने आंकड़ों पर भी नजर डालनी चाहिए। चलिए जानते हैं कि पिछले चुनावों के समय बाजार की चाल कैसी थी?
चुनाव और बाजार के कनेक्शन को लेकर Lakshmishree के हेड ऑफ रिसर्च अंशुल जैन ने कहा
चुनाव और शेयर बाज़ार आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं, यह अक्सर एक-दूसरे की गतिविधियों को प्रभावित करते हैं। इस बार अनुमान लगाया जा रहा है कि चुनाव के परिणामों के बाद बाजार में तेजी आ सकती है। निवेशक चुनाव के बाद स्थिरता और नीति की निरंतरता के किसी भी संकेत पर उत्सुकता से नजर रख रहे हैं, जो बाजार आशावाद के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम कर सकता है।
चुनाव से पहले कैसी थी बाजार की चाल
वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के नतीजे 16 मई को आए थे। नतीजों के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में भारी तेजी देखने को मिली। हालांकि चुनावी के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव भरा कारोबार था। इस साल चुनाव के शुरू होने से पहले यानी 7 अप्रैल 2014 से पहले भी तेजी देखने को मिली।
वर्ष 2019 में लोकसभा के चुनाव की वोटिंग 11 अप्रैल से शुरू हुई थी। इस साल इलेक्शन का रिजल्ट 23 मई 2019 में हुआ था। इस साल भी चुनाव शुरू होने से पहले बाजार में तेजी रही, लेकिन चुनाव के दौरान गिरावट देखने को मिली। चुनाव के नतीजों के बाद बाजार में तेजी लौट गई थी।
कैसी है India VIX इंडेक्स की चाल
India VIX इंडेक्स चुनाव के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। वर्ष 2014 में इंडिया वीआईएक्स चुनाव से 22 दिन पहले ही बढ़ने लगा था। वहीं, वर्ष 2019 में यह 35 दिन पहले ही चढ़ने लगा था।
इस साल भी इंडिया वीआईएक्स तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। 16 अप्रैल 2024 से लेकर 16 मई 2024 तक इंडिया वीआईएक्स ने पॉजिटिव 65.35 फीसदी का रिटर्न दिया।
इस साल के चुनाव के नतीजों को लेकर वी के विजयकुमार, मुख्य निवेश रणनीतिकार, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा
चुनाव नतीजों को लेकर अनिश्चितता चिंता का विषय है, डीआईआई (DII) को भी भारी बिकवाली करनी चाहिए, जो कि सच नहीं है। मई में अब तक DIIs ने 19410 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी है। अब भी आधार परिदृश्य भाजपा/एनडीए की सत्ता में वापसी है। जैसा कि प्रधानमंत्री ने संकेत दिया है, इसके बाद "परिवर्तनकारी बजट" आने से बाजार में तेज उछाल आ सकता है। एफआईआई- बैंकों जैसे भारी शेयर्स का उचित मूल्य होता है और इसलिए, उनमें निवेशित रहना ही उचित है।
किन सेक्टरों में आएगी तेजी?
कई मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि इस साल चुनाव के नतीजों के एलान के बाद बैंकिंग, कंस्यूमर ड्यूरेबल्स और इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी जैसे सेक्टरों में तेजी आ सकती है। इसके अलावा पावर और ग्रीन एनर्जी के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की परफॉर्मेंस भी तेजी देखने को मिल सकती है।
Lakshmishree के हेड ऑफ रिसर्च अंशुल जैन के अनुसार
इलेक्शन के बाद एफएमसीजी (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स), धातु और बुनियादी ढांचा सहायक सेक्टर प्रमुख रूप से सामने आते हैं। उपभोक्ता खर्च बढ़ने और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी आने से इन क्षेत्रों के फलने-फूलने की उम्मीद है। आगामी चुनावों में बाजार की गतिशीलता को नया आकार देने की क्षमता है, जिसमें एफएमसीजी, धातु और बुनियादी ढांचे जैसे सहायक क्षेत्र निरंतर विकास और लाभप्रदता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।
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