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    कैसे दिवालिया हुई अनिल अंबानी की टेलिकॉम कंपनी, Idea-Airtel को देती थी टक्कर, ₹500 वाले फोन से मचाया था तहलका

    Updated: Sun, 27 Jul 2025 11:55 AM (IST)

    Reliance Infocomm Collapse Story अनिल अंबानी की टेलिकॉम कंपनी का उदय साल 2000 से शुरू हुआ और 2003 में वीरेंद्र सहवाग के एक लोकप्रिय एड से कंपनी को काफी शोहरत मिली। लेकिन टेलिकॉम बिजनेस के विस्तार के लिए भारी कर्ज लेने के बाद कंपनी के बुरे दिन शुरू हो गए और 2019 में इसने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया।

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    रिलायंस इंफोकॉम, बाद में रिलायंस कम्युनिकेशन ने 2019 में ऑपरेशन बंद कर दिया था।

     नई दिल्ली। मशहूर उद्योगपति धीरू भाई अंबानी के साल 2002 में निधन के बाद मुकेश और अनिल अंबानी की राह अलग हो गईं। रिलायंस ग्रुप में हुए इस बंटवारे के बाद दोनों भाइयों के हिस्से में अलग-अलग कंपनियां आईं। अनिल अंबानी को रिलायंस इंफोकॉम (Reliance Infocomm) विरासत में मिली। यह वही टेलिकॉम कंपनी है जिसने साल 2003 में अपने CDMA मोबाइल फोन और सर्विसेज से बाजार में तहलका मचाया था। उस दौर में मशहूर क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने रिलायंस इंफोकॉम का ऐड किया था, जिसकी कैच लाइन...'कर लो दुनिया मुट्ठी में' काफी फेमस हुई थी। 2003 में, रिलायंस इन्फोकॉम ने "मानसून हंगामा" प्लान के तहत 501 रुपये में CDMA मोबाइल फोन ऑफर करके टेलिकॉम मार्केट में क्रांति ला दी थी, और आइडिया व भारती एयरटेल को तगड़ी टक्कर दी।

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    लेकिन, क्या आप जानते हैं अनिल अंबानी की यह टेलिकॉम कंपनी आज से 6 साल पहले दिवालिया (Reliance infocomm Bankrupt) हो चुकी है। आइये आपको बताते हैं कि आखिर क्या वजह रही कि 20 साल पहले सेल्युलर सर्विस सेक्टर में धूम मचाने वाली यह कंपनी कैसे बर्बाद होकर बंद हो गई।

    कैसे बर्बाद हुई रिलायंस इंफोकॉम

    साल 2000 में रिलायंस इंफोकॉम का उदय और 2003 में इस कंपनी ने तेजी से शोहरत हासिल की।

    रिलायंस कम्युनिकेशंस, जो कभी रिलायंस इंफोकॉम के नाम से जानी जाती थी और देश की टॉप टेलिकॉम कंपनी थी। लेकिन, अनिल अंबानी की लीडरशिप में 16 साल में इस कंपनी का ऐसा पतन हुआ कि यह बंद हो गई। हैरान करने वाली बात है कि इसकी समकालीन कंपनीज एयरटेल और आइडिया (वोडाफोन आइडिया) तेजी से अपना बिजनेस विस्तार करती गईं।

    दरअसल, भारी कर्ज़ और साल 20216 में रिलायंस जियो से मिली कड़ी टक्कर के कारण अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशन की मुश्किलें बढ़ती गईं। इस दौरान कंपनी के पुनर्गठन के प्रयास भी किए गए लेकिन सभी नाकाम साबित हुए और इन सब कारणों के चलते यह टेलिकॉम कंपनी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई।

    भारी कर्ज और स्पेक्ट्रम खरीदने की चुनौती

    रिलायंस इंफोकॉम के बर्बाद होने की बड़ी वजह भारी कर्ज रहा। दरअसल, कंपनी की वित्तीय मुश्किलें उसके विस्तार और स्पेक्ट्रम अधिग्रहण के लिए भारी पैसा उधार लेने के बाद शुरू हुई। धीरे-धीरे कंपनी मार्केट में अपनी पहचान खोती गई। यह टेलिकॉम कंपनी पहले से ही भारी घाटे से जूझ रही थी। इसके बाद साल 2016 में मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो का ऐलान कर दिया। कम लागत वाली 4G सेवाओं के साथ रिलायंस जियो के आने से अनिल अंबानी की RCom (रिलायंस इंफोकॉम) के 2G और 3G व्यवसायों को बुरी तरह प्रभावित किया।

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    बढ़ते घाटे और कर्ज़ के कारण आखिरकार रिलायंस इंफोकॉम ने अपने लोन का भुगतान नहीं किया और 2019 में दिवालियापन के लिए आवेदन कर दिया।

    सहवाग के एड से मिली थी कंपनी को शोहरत

    2003 का वह समय जब साउथ अफ्रीका में होने वाले क्रिकेट वर्ल्ड की तारीखें नजदीक आ रही थीं, और उसी दौरान टीवी पर वीरेंद्र सहवाग का एड काफी फेमस हुआ...जिसकी कैचलाइन थी 'कर लो दुनिया मुट्ठी में', यह एड रिलायंस इंफोकॉम के CDMA फोन और टेलिकॉम सर्विस को लेकर था। इस विज्ञापन के चलते रिलायंस इंफोकॉम को बेहद शोहरत मिली थी।