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    Hindustan Unilever: किचन से लेकर बाथरूम तक मौजूद हैं HUL के प्रोडक्ट, 90 साल में कितना बदला कंपनी का कारोबार

    By Gaurav KumarEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Tue, 23 May 2023 05:20 PM (IST)

    हम आपको ऐसी कंपनी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके प्रोडक्ट्स हम सब प्रतिदिन उपयोग करते हैं। ये कंपनी आपके किचन से लेकर वॉशरूम तक मौजूद है। यह कंपनी दावा करती है कि भारत में 10 में से 9 परिवार इनके ब्रांड का उपयोग करती है।

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    HUL products are available from kitchen to your bathroom, company's business has changed in 90 years

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: हम सब प्रतिदिन तेल, साबुन, शैम्पू, चाय, वनस्पति, हेल्थ ड्रिंक, टूथपेस्ट, इत्यादि का इस्तेमाल करते है। खाने-पीने से लेकर जीवन में इस्तेमाल होने वाली सभी चीजों को हम अच्छे से और जांच परख कर ही खरीदते हैं और ज्यादा से ज्यादा हम उसी ब्रांड की चीजें खरीदते हैं जो हमें सबसे ज्यादा पसंद आती हैं।

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    लेकिन क्या आपको पता है कि जिस ब्रांड के पीछे आप भागते है, उसे कौन सी कंपनी बनाती है? बहुत से लोग ऐसे होंगे, जिन्हें हर रोज सुबह उठकर चाय पीने की आदत होगी। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि भारत का सबसे बड़ा चाय का ब्रांड कौन-सा है और उसे कौन-सी कंपनी बनाती है।

    आज हम आपको एक ऐसी ही कंपनी के बारे में बताने जा रहे हैं। यह कंपनी भारत में पिछले 90 साल, यानी देश की आजादी के बहुत पहले से मौजूद है।

    इस कंपनी ने साबुन बनाने की फैक्ट्री से भारत में शुरुआत की थी और अब वर्तमान में यह देश के FMCG सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी है। इस कंपनी का नाम हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (Hindustan Unilever Limited) है।

    क्या है HUL का इतिहास

    भारत में हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल), Unilever की सहायक कंपनी है। कंपनी के तौर पर देश में एचयूएल की स्थापना 17 अक्टूबर 1933 में हुई थी, लेकिन इससे कई दशकों पहले सन 1888 में एचयूएल के प्रोडक्ट्स ने भारत में दस्तक दे दी थी।

    एचयूएल की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, 1888 में पहली बार कोलकाता के बंदरगाह पर एचयूएल का साबुन से भरा क्रेट जिसका नाम Sunlight soap bars था, लोगों को दिखा। इस साबुन पर "Made in England by Lever Brothers" लिखा हुआ था।

    भारत में लगभग 90 वर्षों की स्वर्णिम विरासत के साथ, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) भारत की सबसे बड़ी FMCG कंपनी है। आपको बता दें कि FMCG का पूरा नाम फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (Fast Moving Consumer Goods) है। फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) ऐसे उत्पाद होते हैं जो अपेक्षाकृत कम कीमत पर जल्दी बिकते हैं। इनको कंज्यूमर पैकेज्ड गुड्स भी कहा जाता है।

    एफएमसीजी की शेल्फ लाइफ कम होती है। रोजमर्राइस्तेमाल होने वाले सामान जैसे साबुन, चाय, शैम्पू, आटा, दाल इत्यादि सभी एफएमसीजी उत्पादों में गिने जाते हैं।

    HUL पर एक नजर

    • 17 अक्टूबर 1933 को HUL की स्थापना हुई, जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है।
    • हिंदुस्तान वनस्पति मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, लीवर ब्रदर्स इंडिया लिमिटेड, और यूनाइटेड ट्रेडर्स लिमिटेड ये तीनों कंपनियां HUL के फाउंडर्स हैं।
    • एचयूएल के पास 21,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं।
    • यूनिलीवर कंपनी 190 से ज्यादा देशों में मौजूद है।
    • कंपनी के पास 50 से ज्यादा ब्रांड है। इनमें से 16 ब्रांड का टर्नओवर 1,000 करोड़ है। देश भर में 90 लाख रिटेल स्टोर पर एचयूएल का सामान बिकता है। एचयूएल के 3500 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर देश में मौजूद हैं।
    • वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक, एचयूएल का वित्त वर्ष 2021-22 में टर्नओवर 50,000 करोड़ से ज्यादा का था। आपको बता दें कि एचयूएल का मार्केट कैपिटलाइजेशन (mCap) 6,20,632 करोड़ रुपये का है।
    • कंपनी का शेयर प्राइस 23 मई 2023 तक 2631 रुपये का है।

    क्या है कंपनी की प्रोफाइल?

    एचयूएल खाद्य, होम केयर, पर्सनल केयर और रिफ्रेशमेंट उत्पादों की दुनिया की अग्रणी आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। कंपनी के प्रोडक्ट्स पूरे भारत में लाखों ग्राहकों के रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा है।

    कंपनी के पास 50 से ज्यादा ब्रांड है, जो अलग-अलग कैटेगरी जैसे कपड़ों की सफाई, होम और हाईजीन, लाइफ एसेंशियल, स्किन क्लीनजिंग, स्किन केयर, हेयर केयर, कलर कॉस्मेटिक, ओरल केयर, डिओड्रेंट, चाय, कॉफी, आईक्रीम एंड फ्रोजन डेजर्ट, फूड एंड हेल्थ फूड ड्रिंक्स के लिए प्रोडक्ट्स बनाते हैं।

    एचयूएल के पास लक्स, लाइफबॉय, सर्फ एक्सेल, रिन, व्हील, ग्लो एंड लवली, पॉन्ड्स, वैसलीन, लक्मे, डव, क्लिनिक प्लस, सनसिल्क, पेप्सोडेंट, क्लोजअप, एक्स, ब्रुक बॉन्ड, ब्रू, नॉर, किसान, क्वालिटी वॉल्स, हॉर्लिक्स और प्योरिट जैसे प्रमुख घरेलू ब्रांड शामिल हैं।

    भारत में HUL की क्रोनोलॉजी

    • 1888 में सनलाइट साबुन भारत में पेश किया गया।
    • 1895 में लाइफबॉय साबुन लॉन्च किया गया, लीवर ब्रदर्स ने मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और कराची में इसके लिए एजेंट को भी नियुक्त किया था।
    • 1902 में भारत में पियर्स साबुन पेश किया गया।
    • 1903 में ब्रुक बॉन्ड रेड लेबल चाय लॉन्च की गई थी। आपको बता दें की एचयूएल की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार ब्रुक बॉन्ड भारत की सबसे बड़ी चाय की ब्रांड है।
    • 1905 में लक्स फ्लेक्स को पेश किया गया।
    • 1913 में विम स्काउरिंग पाउडर पेश किया।
    • 1914 में विनोलिया साबुन को भारत में लॉन्च किया गया।
    • 1918 में डच मार्जरीन निर्माताओं द्वारा वनस्पति को पेश किया गया।
    • 1924 में गिब्बस डेंटल प्रिपरेशन को लॉन्च किया गया।
    • 1925 में लीवर ब्रदर्स को नॉर्थ वेस्ट सोप कंपनी का पूर्ण नियंत्रण प्राप्त हुआ।
    • 1926 में हार्टोग्स ने डालडा ट्रेडमार्क को पंजीकृत किया।
    • 1930 में लीवर ब्रदर्स और मार्जरीन यूनी के विलय से 1 जनवरी को यूनिलीवर का गठन हुआ।
    • 1931 में हिन्दुस्तान वनस्पति मैन्युफैक्चरिंग (एचवीएम) कंपनी का रजिस्ट्रेशन 27 नवंबर को हुआ; मुंबई की सेवरी फैक्ट्री साइट खरीदी।
    • 1932 में सेवरी फैक्ट्री में वनस्पति की मैन्युफैक्चरिंग शुरू हुई।
    • 1933 में सेवरी में वनस्पति कारखाने के बगल में साबुन की फैक्ट्री लगाने के लिए दिया आवेदन।
    • 1934 में अक्टूबर में सेवरी कारखाने में साबुन का निर्माण शुरू हुआ। नॉर्थ वेस्ट सोप कंपनी की गार्डन रीच फैक्ट्री, कोलकाता ने लीवर ब्रांड बनाने के लिए किराए पर लिया और विस्तार किया।
    • 1935 में यूनाइटेड ट्रेडर्स ने 11 मई को निजी उत्पादों की मार्केटिंग के लिए निगमित किया।
    • 1937 में प्रकाश टंडन, पहले भारतीय अनुबंधित प्रबंधकों में से एक, एचवीएम में शामिल हुए।
    • 1939 में गार्डन रीच फैक्ट्री ने डालडा वनस्पति को एक ब्रांड के रूप में विकसित करने पर ध्यान देने के लिए आउटराइट खरीदा।
    • 1941 में मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और कराची में कंपनी ने एजेंसियों का अधिग्रहण किया और खुद की सेल्सफोर्स को बढ़ाने पर फोक्स किया।
    • 1942 में यूनिलीवर ने यह निर्णय लिया कि अब यूरोपीय लोगों के बजाय भारतीयों को कनिष्ठ और वरिष्ठ प्रबंधन पदों पर ले जाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
    • 1943 में भारत में गार्डन रीच फैक्ट्री में पर्सनल प्रोडक्ट का निर्माण शुरू किया गया था।
    • 1944 में सामान्य प्रबंधन वाली तीन कंपनियों का पुनर्गठन किया गया लेकिन मार्केटिंग ऑपरेशन अलग-अलग रखा गया।
    • 1947 में भारत को आजादी मिली। इसी साल देश में पहली बार एचयूएल ने पॉन्ड्स कोल्ड क्रीम को लॉन्च किया था।
    • 1951 में प्रकाश टंडन पहले भारतीय निदेशक बने और 1955 तक कंपनी में 65 प्रतिशत मैनेजर भारतीय थे।
    • 1956 में एचयूएल के तीन सहायक कंपनी, 193 में बनी हिंदुस्तान वनस्पती मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, 1933 में बनी लीवर ब्रदर्स इंडिया लिमिटेड और 1935 में बनी यूनाइटेड ट्रेडर्स लिमिटेड का विलय हुआ और एक संयुक्त कंपनी बनी जिसका नाम हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड रखा गया।
    • 1959 में देश में सर्फ एक्सल को लॉन्च किया गया था।
    • 1961 में प्रकाश टंडन एचयूएल के पहले भारतीय अध्यक्ष बने। इस वक्त तक 205 में से 191 मैनेजर भारतीय थे।
    • 1962 में फॉर्मल एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट को शुरू किया गया।
    • 1964 में एटा डेयरी की स्थापना की गई और अनिक घी को भी शुरू किया गया था। एचयूएल ने इसी साल सनसिल्क शैम्पू लॉन्च को भी लॉन्च किया था। इसके अलावा गाजियाबाद में पशु आहार प्लांट को भी लॉन्च किया गया था।
    • 1965 में सिग्नल टूथपेस्ट को लॉन्च किया गया और 1966 में लीवर बेबी फूड के साथ-साथ ताज महल चाय को भी लॉन्च किया गया।

    • 1967 में एचयूएल रिसर्च सेंटर को मुंबई में लॉन्च किया गया।
    • 1968 में वीजी राजाध्यक्ष ने एचयूएल के अध्यक्ष के रुप में पदभार ग्रहण किया
    • 1969 में रिन बार और ब्रू कॉफी को लॉन्च किया गया।
    • 1971 में क्लिनिक शैम्पू लॉन्च।
    • 1973 में टी. थॉमस ने अध्यक्ष का पदभार संभाला
    • 1974 में लिरिल का मार्केटिंग शुरू किया गया और 1975 में क्लोज-अप टूथपेस्ट को लॉन्च किया गया और 1978 में फेयर एंड लवली स्किन क्रीम को लॉन्च किया गया था।
    • 1988 में लिप्टन ने ताज़ा चाय को लॉन्च किया और 1991 में सर्फ अल्ट्रा को लॉन्च किया।
    • 1993 में ब्रुक बॉन्ड इंडिया ने यूनाइटेड ब्रेवरीज ग्रुप से किसान ब्रांड का अधिग्रहण किया, जिससे एचयूएल को खाद्य कारोबार में प्रवेश मिला।
    • 1994 में HUL की सबसे बड़ी प्रतियोगी, Tata Oil Mills Company (TOMCO) का कंपनी में विलय हो गया, जो उस समय तक भारतीय उद्योग में सबसे बड़ी थी।
    • 1995 में नमक के साथ ब्रांडेड स्टेपल कारोबार में उतरी एचयूएल; एचयूएल को सुपर स्टार ट्रेडिंग हाउस के रूप में मान्यता मिली।
    • 1996 में एचयूएल और भारतीय सौंदर्य प्रसाधन प्रमुख, लक्मे लिमिटेड ने 50:50 पार्टनरशिप में लक्मे लीवर लिमिटेड बनाते हैं।
    • 1998 में समूह की कंपनी पॉन्ड्स इंडिया लिमिटेड का 1 जनवरी, 1998 से एचयूएल में विलय हो गया।
    • 2002 में एचयूएल ने आयुष रेंज और आयुष थेरेपी केंद्रों के साथ आयुर्वेदिक स्वास्थ्य और सौंदर्य केंद्र श्रेणी में प्रवेश किया।
    • 2003 में अमलगम समूह का अधिग्रहण कर हिंदुस्तान लीवर नेटवर्क का शुभारंभ किया।
    • 2004 में चेन्नई में Pureit की टेस्ट मार्केटिंग की गई।
    • 2007 में 18 मई को 74वीं एजीएम के दौरान शेयरधारकों की स्वीकृति प्राप्त करने के बाद कंपनी का नाम औपचारिक रूप से हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड में बदल गया। इसी साल ब्रुक बॉन्ड और सर्फ एक्सेल की बिक्री 1,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई थी।
    • 2008 में देश में Pureit को लॉन्च कर दिया गया।
    • 2013 में एचयूएल ने भारत में अपने 80 साल को पूरा किया। अक्टूबर 2013, संजीव मेहता ने एचयूएल के सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में पदभार संभाला।
    • 2015 में HUL ने अपने प्रमुख ब्रांड 'इंदुलेखा' के अधिग्रहण के लिए Mosons Group के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
    • 2016 में एचयूएल के छह ब्रांडों सर्फ एक्सेल, ब्रुक बॉन्ड, व्हील, लाइफबॉय, रिन और फेयर एंड लवली की बिक्री 2000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई वहीं सर्फ एक्सेल ने 3000 करोड़ का आंकड़ा पार किया।
    • 2018 में एचयूएल ने विजयकांत डेयरी एंड फूड प्रोडक्ट्स लिमिटेड (वीडीएफपीएल) और उसकी समूह कंपनी के साथ उसकी आइसक्रीम और फ्रोजन डेजर्ट हासिल करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
    • 2020 में एचयूएल ने फीमेल इंटीमेट हाईजीन श्रेणी में मार्केट लीडर वीवॉश के अधिग्रहण की घोषणा की। इसी के साथ GSK कंज्यूमर हेल्थकेयर का हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के साथ विलय प्रतिष्ठित स्वास्थ्य खाद्य पेय ब्रांड - Horlicks और Boost ने एचयूएल के खाद्य और जलपान पोर्टफोलियो में प्रवेश किया, जिससे यह भारत में सबसे बड़ा एफएंडआर व्यवसाय बन गया।
    • 2022 में एचयूएल का कारोबार वित्त वर्ष 2021 - 2022 के लिए 50,000 करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया
    • 2023 के मार्च में, रोहित जावा को 27 जून, 2023 से एचयूएल के सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है।