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    Hindustan Zinc के निवेशकों की चांदी! 16 प्रतिशत उछले शेयर, इस खबर का दिखा असर

    Updated: Fri, 10 May 2024 04:23 PM (IST)

    माइनिंग सेक्टर से जुड़ी हिंदुस्तान जिंक के शेयर (hindustan zinc share price) करीब 16 फीसदी के उछाल के साथ 529 रुपये पर पहुंच गए। यह कारोबार के दौरान 540 रुपये के स्तर तक पहुंच गया था। दरअसल चीन से आए पॉजिटिव डेटा के चलते लंदन मेटल एक्सचेंज में जिंक का दाम 2 पर्सेंट से अधिक बढ़कर 2955 डॉलर पहुंच गया। इससे हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में जोरदार तेजी आई।

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    मार्च तिमाही में हिंदुस्तान जिंक का रेवेन्यू 7,549 करोड़ रुपये रहा।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। माइनिंग सेक्टर से जुड़ी हिंदुस्तान जिंक के शेयर (hindustan zinc share price) शुक्रवार (10 मई) को करीब 16 फीसदी के उछाल के साथ 529 रुपये पर पहुंच गए, जो इसका 52 हफ्ते के उच्च स्तर है। कारोबार के दौरान तो एक वक्त हिंदुस्तान जिंक का शेयर 540 रुपये के स्तर तक पहुंच गया था।

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    हिंदुस्तान जिंक में तेजी की वजह?

    दरअसल, चीन से मेटल को लेकर पॉजिटिव डेटा आया है, जो जिंक का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है। इसकी वजह से लंदन मेटल एक्सचेंज में जिंक का दाम 2 पर्सेंट से अधिक बढ़कर 2,955 डॉलर पहुंच गया। इसका सकारात्मक ट्रेंड से हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में जोरदार तेजी आई।

    चीन के डेटा से यह भी पता चलता है कि मेटल सेगमेंट में घरेलू और विदेशी डिमांड में फिर से तेजी आ रही है। इससे जिंक कंपनियों की कमाई भी बढ़ेगी। यह हिंदुस्तान जिंक के लिए फायदे की बात है, क्योंकि जिंक के माइनिंग और रिफाइनिंग बिजनेस में शामिल है।

    हिंदुस्तान जिंक ने 10 रुपये शेयर के अंतरिम डिविडेंड का भी एलान किया था। इससे भी निवेशकों का हौसला बढ़ा है और उन्होंने जमकर खरीदारी की।

    कैसा रहा हिंदुस्तान जिंक का नतीजा?

    वित्त वर्ष 2023-24 की मार्च तिमाही में हिंदुस्तान जिंक का रेवेन्यू 7,549 करोड़ रुपये रहा। उसका मार्जिन भी उम्मीद से बेहतर रहा। कंपनी के मैनेजमेंट के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष में उनका माइन और रिफाइंड मेटल के प्रोडक्शन में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले बढ़ सकता है।

    किसकी है हिंदुस्तान जिंक?

    हिंदुस्तान सरकारी कंपनी थी। इसका करीब दो दशक पहले निजीकरण किया गया। इसमें फिलहाल अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल की माइनिंग कंपनी वेदांता लिमिटेड की हिस्सेदारी 64.92 फीसदी है। वहीं, सरकार का स्टेक 29.54 फीसदी है। वेदांता ने सरकार से बची हिस्सेदारी भी खरीदने की कोशिश की थी। यह मामला अदालत में भी गया था। लेकिन, वेदांता साल 2021 में सरकार से बची हिस्सेदारी खरीदने का केस हार गई।

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