ITR में यह जानकारी छिपाना पड़ेगा भारी, लग जाएगा 10 लाख का जुर्माना; जानें बचने का तरीका
ITR revision deadline अगर आपके पास विदेश में कोई प्रॉपर्टी है या किसी भी स्रोत से कमाई हो रही है तो उसकी जानकारी आईटीआर में देना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह जानकारी देकर आईटीआर में संशोधन करने के लिए 31 दिसंबर 2024 तक की मोहलत दी है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारत में हमेशा से काला धन (Black Money) और अघोषित आय बड़ा मुद्दा रहा है। टैक्स अधिकारी अक्सर उन लोगों को नोटिस भेजते हैं, जो विदेश में निवेश तो करते हैं, लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में उसका खुलासा नहीं करते। इससे देश की इकोनॉमी तगड़ी चोट पहुंचती है, क्योंकि काले धन से भ्रष्टाचार और महंगाई तो बढ़ती ही है, सरकारी खजाने को भी भारी चपत लगती है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 11 दिसंबर, 2024 को एक ब्रोशर जारी किया। इसमें स्पष्ट किया गया कि किन करदाताओं को 31 दिसंबर, 2024 तक अपने आईटीआर में शेड्यूल्ड फॉरेन असेट (एफए) और अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने होंगे। अगर आप भी आईटीआर में अपने विदेशी निवेश का खुलासा नहीं करते, तो उसे काला धन माना जा सकता है। इसके लिए 10 लाख रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है।
आईटीआर में विदेशी आय की जानकारी देना जरूरी
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की गाइडलाइंस के मुताबिक, टैक्सपेयर्स को अपने विदेशी खाते की पूरी जानकारी देनी होगी। अगर उन्होंने किसी विदेशी कंपनी के शेयर खरीद रखें या प्रॉपर्टी खरीद रखी है, तो उसकी भी जानकारी देनी होगी। कम शब्दों में कहें, तो आपको विदेश में स्थिति हर संपत्ति के बारे में बताना होगा, फिर चाहे उससे आपको कोई कमाई हो रही हो या नहीं।
विदेशी संपत्ति और कमाई की जानकारी न देने पर क्या होगा?
पिछले कुछ साल में भारत सरकार ने दूसरे देशों के साथ कई समझौते किए हैं। इससे अगर कोई नागरिक विदेश में निवेश कर रहा है, तो उसकी जानकारी बड़ी आसानी से मिल जाती है। ऐसे में विदेशी निवेश की जानकारी न देने वाले शख्स पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
विदेशी संपत्ति और कमाई का खुलासा किसे करना होता है?
यह नियम उन सभी भारतीय नागरिकों के लिए है, जिनकी विदेश में कोई संपत्ति है या वहां से उन्हें कमाई हो रही है। विदेशी संपत्ति में बैंक खाते, इक्विटी, व्यावसायिक निवेश और प्रॉपर्टी होल्डिंग्स जैसी चीजें शामिल हैं। विदेशी स्रोतों से कमाई में ब्याज आय, लाभांश और सकल आय शामिल हैं।
आईटीआर में विदेशी संपत्ति की जानकारी कैसे दें?
आप अपनी विदेशी संपत्तियों के बारे में पूरी जानकारी जुटाएं। जैसे कि आपके पास कैसी संपत्ति है, आपने उसे कब खरीदा, उससे आपको कितनी कमाई हुई। आपने संपत्ति खरीदने या कमाई पर विदेश में जो टैक्स दिया है, उसकी जानकारी भी होनी चाहिए। आप पूरी को कंपाइल करके आईटीआर में आसानी से भर सकते हैं। अग आप दोहरे कर बचाव समझौते के तहत पात्र हैं, तो टैक्स बेनिफिट क्लेम करने के लिए अनुसूची टीआर के साथ फॉर्म 67 जमा करें।
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