एयरफोर्स ने पहली बार हमले के लिए किया तेजस का इस्तेमाल, ये भारतीय कंपनी करती है इनका निर्माण
पाकिस्तान पर स्ट्राइक करने वाली भारतीय वायु सेना इन कामों में जिन विमानों का इस्तेमाल करती है रफाल और सुखाई तो हैं ही साथ ही स्वदेश निर्मित तेजस विमानों का भी इसमें इस्तेमाल किया जाता है। तेजस एक लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है। इसमें जीई 404 इंजन का इस्तेमाल होता है। आइए जानते हैं कि यह विमान कौन सी कंपनी बनाती है और इसकी खासियत क्या है?

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारतीय सेना और एयर फोर्स ने ऑपरेशन सिंदूर (operation sindoor) के जरिए बदला ले लिया है। एयर फोर्स ने अपने लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करते हुए न सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा में घुसकर पाकिस्तान में संचालित आतंकवाद के ठिकानों को तबाह कर दिया।
भारतीय वायु सेना जिन विमानों का इस्तेमाल करती है, उसमें फ्रांस निर्मित रफाल और रूस के सुखाई व मिग विमान तो हैं ही, साथ ही भारतीय वायु सेना ने पहली बार स्वदेश निर्मित तेजस विमानों का भी इस्तेमाल किया है। आइए जानते हैं कि यह विमान कौन सी कंपनी बनाती है और इसकी खासियत क्या है?
डीआरडीओ ने विकसित किया, एचएएल करती है तेजस का निर्माण
तेजस एक लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है। इसमें जीई 404 इंजन का इस्तेमाल होता है। इसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने विकसित किया है। हालांकि, इसकी मैन्युफैक्चरिंग हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल करती है। एचएएल भारत की सबसे बड़ी रक्षा कंपनी है। एयर फोर्स ने एचएएल को 180 तेजस विमानों का ऑर्डर दिया हुआ जो 2032 तक पूरा करना है।
HAL तेजस के अलावा हेलीकॉप्टर, एवियोनिक्स और कई तरह के एयरोस्पेस बनाने का भी काम करती है। इसके साथ ही एचएएल कंपनी भारतीय सेनाओं के लिए युद्ध में लड़ने के लिए जरूरी उपकरण भी बनाती है। कंपनी के अन्य पॉपुलर विमान में प्रचंड, डॉर्नियर जैसे विमान शामिल हैं। इस कंपनी के शेयर में आज 7 मई को 29.50 अंकों की मामूली गिरावट देखी गई। ये एनएसई पर 4,478.00 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ।
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