GSTR-3B Deadline Extended: जीएसटीआर-3बी फाइलिंग की अंतिम तारीख बढ़ी, करदाताओं को मिली बड़ी राहत
सरकार ने करदाताओं को राहत देते हुए जीएसटीआर-3बी टैक्स फॉर्म भरने की अंतिम तारीख 19 अक्टूबर से बढ़ाकर 25 अक्टूबर कर दी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) ने यह फैसला दिवाली के त्योहार को ध्यान में रखते हुए लिया है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के समूह ने भी सरकार से डेडलाइन बढ़ाने का अनुरोध किया था।

नई दिल्ली। सरकार ने 19 अक्टूबर को मंथली GSTR-3B टैक्स फॉर्म भरने की आखिरी तारीख पांच दिन बढ़ाकर अब 25 अक्टूबर कर दी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) ने सोशल मीडिया के जरिए बताया कि सितंबर और जुलाई-सितंबर तिमाही के GSTR-3B फाइल करने वाले अब 25 अक्टूबर तक अपना टैक्स भर सकते हैं। इस एक्सटेंशन की उम्मीद पहले से थी, क्योंकि 20 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार है।
@cbic_india extends the GSTR-3B filing deadline!
— CBIC (@cbic_india) October 19, 2025
✅ For Monthly filers (Sept 2025)
✅ For Quarterly filers (Q2: July–Sept 2025)
🗓️ New Due Date: 👉 25th October 2025
📄 (Notification No. 17/2025 – Central Tax, dated 18.10.2025) pic.twitter.com/E0pdzyVHEq
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के एक समूह ने केंद्र सरकार से सितंबर 2025 के GSTR-3B रिटर्न की डेडलाइन बढ़ाने का अनुरोध किया था। उनकी दलील थी कि आखिरी तारीख दिवाली के दिन 20 अक्टूबर को पड़ रही है, जिससे प्रोफेशनल्स और कंपनियों के लिए फाइलिंग करना मुश्किल हो जाएगा। GSTR-3B की फाइलिंग में डेटा एंट्री, ITC की समीक्षा और टैक्स भुगतान के लिए फंड की व्यवस्था जैसे काम शामिल हैं, जिससे समय कम पड़ जाता है।
क्या है GSTR-3B?
GSTR-3B एक मंथली और क्वॉर्टली रिटर्न है। इसे रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स हर महीने 20, 22 और 24 तारीख के बीच अलग-अलग सेगमेंट के अनुसार फाइल करते हैं। इसमें टैक्सपेयर्स अपनी GST देनदारी की जानकारी देते हैं और उसे पूरा करते हैं।
डेडलाइन मिस करने पर जुर्माना
GSTR-3B रिटर्न समय पर फाइल न करने पर लेट फीस लगती है। सामान्य नियम के अनुसार 50 रुपये प्रति दिन (CGST और SGST के लिए 25-25 रुपये) का जुर्माना है। अगर टैक्स देनदारी नहीं है तो 20 रुपये प्रति दिन लगेगा। यह फीस आखिरी तारीख के अगले दिन से फाइलिंग तक लागू होती है। यह प्रति टैक्सपेयर्स अधिकतम 5,000 रुपये तक होती है। इसके अलावा, टैक्स रकम पर 18% सालाना ब्याज भी लगाया जाता है।
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