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    क्लब व सदस्यों के आपसी लेनदेन पर लगेगा जीएसटी, वित्त मंत्रालय ने रखा केंद्रीय जीएसटी कानून में संशोधन का प्रस्ताव

    By Pawan JayaswalEdited By:
    Updated: Tue, 16 Feb 2021 07:34 AM (IST)

    अगर क्लब व उसके सदस्यों के बीच वस्तुओं व सेवाओं का आदान-प्रदान होता है तो वह जीएसटी कानून के दायरे में आएगा। संसद में वित्त विधेयक पारित होने की सूरत ...और पढ़ें

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    वस्तु एवं सेवा कर P C : GST

    नई दिल्ली, आइएएनएस। खेल से जुड़े क्लब व अन्य पेशेवर संस्थानों और उनके सदस्यों को जीएसटी कानून का पूरी तरह पालन करना होगा। वित्त मंत्रालय ने वित्त विधेयक, 2021 के माध्यम से केंद्रीय जीएसटी कानून में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि क्लब व उसके सदस्य अलग-अलग इकाइयां हैं।

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    अगर क्लब व उसके सदस्यों के बीच वस्तुओं व सेवाओं का आदान-प्रदान होता है तो वह जीएसटी कानून के दायरे में आएगा। संसद में वित्त विधेयक पारित होने की सूरत में यह कानून इस वर्ष पहली अप्रैल से लागू हो जाएगा।

    अब तक क्लब व अन्य संस्थाओं व सदस्यों के आपसी लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लगता था। अब ऐसे लेनदेन पर 18 फीसद जीएसटी लगने की संभावना है। इतना ही नहीं, यह बदलाव जीएसटी व्यवस्था लागू होने के दिन यानी पहली जुलाई, 2017 से ही अमल में लाए जाने का प्रस्ताव है।

    गौरतलब है कि कलकत्ता स्पो‌र्ट्स क्लब से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को सही माना था कि सदस्यों के बिना क्लब का कोई अस्तित्व नहीं है। ऐसे में क्लब और सदस्यों को अलग-अलग इकाइयों के रूप में नहीं देखा जा सकता, लिहाजा उनके आपसी लेनदेन पर भी टैक्स नहीं लगना चाहिए।

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