जीएसटी प्रोसेस होगी आसान, वित्त मंत्री ने दिए निर्देश, रिफंड में तेजी लाने पर जोर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सीबीआईसी को जीएसटी प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए। जीएसटी पंजीकरण आसान बनाने मामलों के निपटान और रिफंड में तेजी लाने पर जोर दिया गया। तकनीक के इस्तेमाल से पंजीकरण सरल होगा और जोनल कार्यालयों में डेस्क बनाए जाएंगे। जीएसटी सेवा केंद्रों पर कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित करने और रिक्त पदों को भरने के निर्देश दिए गए।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीएसटी प्रक्रिया को और सरल एवं पारदर्शी बनाने के संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ( सीबीआईसी) को कई निर्देश दिए। सीबीआईसी के प्रमुख आयुक्तों के कानक्लेव में वित्त मंत्री ने जीएसटी पंजीयन को और सरल बनाने के साथ जीएसटी संबंधी सभी मामलों के निपटान और रिफंड में तेजी लाने का निर्देश दिया।
इस कानक्लेव में सीबीआईसी के देश भर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राजस्व सचिव एवं सीबीआईसी चेयमैरन भी मौजूद थे। बैठक में यह बात भी सामने आई कि जीएसटी संबंधी शिकायतों के निपटान में अब औसतन नौ दिन लग रहे हैं जबकि इसके लिए 21 दिन की समय सीमा तय है। वित्त मंत्री ने कहा कि टेक्लोनाजी के इस्तेमाल से जीएसटी पंजीयन को बिल्कुल सरल बनाने के साथ सभी जोनल कार्यालय में जीएसटी पंजीयन के लिए अलग से डेस्क बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से जीएसटी पंजीयन व संबंधित मामलों में दस्तावेज व अन्य जानकारी के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।
यह अभियान कारोबारियों के विभिन्न संगठनों की मदद से शुरू किया जा सकता है। उन्होंने विभाग से कहा कि जीएसटी सेवा केंद्र और सीमा शुल्क तुरंत सुविधा केंद्र पर कारोबारियों की सुविधा के लिए कर्मचारियों की तैनाती में कोई कमी नहीं होनी चाहिए और विभाग में खाली सभी रिक्त पदों को तुरंत भरने का भी निर्देश दिया। रिफंड प्रक्रिया को और तेज करने की जरूरत बताई और कहा कि विभाग को गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट और टैक्स चोरी को रोकने के लिए अधिक सक्रिय रहने की जरूरत है।
इस मौके पर सीबीआइसी की तरफ से बताया कि 85 प्रतिशत रिफंड की प्रक्रिया 60 दिन के तय समय के भीतर शुरू हो जाती है। जीएसटी रिटर्न 3बी भरने का औसत पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में 95 प्रतिशत रहा। \\Bविदेशों में जमा राशि पर सरकार की लगातार सख्त नजर\\B वित्त मंत्रालय ने कहा है कि विदेश में भारतीयों की जमा राशि पर सरकार की लगातार सख्त नजर है और प्राप्त जानकारी के आधार पर विदेश में धन व संपदा रखने वालों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप मूल्यांकन वर्ष 2024-25 में 24,678 करदाताओं ने अपना रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया है।
विभाग के मुताबिक करदाताओं ने इस अवधि में विदेश में 29,208 करोड़ की संपदा होने की बात स्वीकारी जिससे सरकार को 1,089 करोड़ रुपए की आय हुई। इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक स्विट्जरलैंड के साथ समझौते के तहत वर्ष 2019 से वहां के बैंकों में भारतीयों की जमा राशि और संपदा की जानकारी साझा की जा रही है जिसके आधार पर करदाताओं को अपनी आय का खुलासा करने के लिए कहा जा रहा है।
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