GST Revision: किस श्रेणी की गाड़ियों पर कितनी घट सकती है जीएसटी, जानिए कीमतों पर क्या होगा असर
GST News केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 3 और 4 सितंबर को जीएसटी काउंसिल के बैठक में होने वाली है। इसमें GST Revision पर चर्चा होगी। इसमें बताया गया है कि विभिन्न श्रेणी के वाहनों पर जीएसटी दरों में कितना बदलाव हो सकता है और उसका कीमतों पर क्या असर पड़ेगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में 3 और 4 सितंबर को जीएसटी परिषद (GST Council) की बैठक होने वाली है। इस बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री या जीएसटी से संबंधित मंत्री शामिल होंगे। बैठक में केंद्र द्वारा प्रस्तावित सुधारों पर चर्चा की जाएगी। सबसे अहम प्रस्ताव जीएसटी के 5%, 12%, 18% और 28% स्लैब की जगह सिर्फ 5% और 18% स्लैब लागू करने का है।
इस GST revision से ऑटोमोबाइल सेक्टर को काफी फायदा मिलने की उम्मीद की जा रही है। ब्रोकरेज फर्म जेफरीज का मानना है कि टू-व्हीलर और 4 मीटर से कम लंबाई वाली कारों और SUV को सबसे अधिक फायदा मिल सकता है। अभी इन पर 28-31 प्रतिशत कर लगता है।
किन गाड़ियों पर कितना हो सकता है जीएसटी
बड़े एसयूवी पर अभी 45-50 प्रतिशत (28 प्रतिशत जीएसटी और सेस) कर लगता है। जेफरीज का अनुमान है कि इन पर टैक्स की दरें घटकर लगभग 40 प्रतिशत हो सकती हैं। ट्रैक्टरों पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की जा सकती है। कॉमर्शियल वाहनों को भी लाभ हो सकता है, जिनकी दर 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो सकती है।
ऑन-रोड प्राइस पर इतना होगा असर
जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी दर में 7-10 प्रतिशत की कटौती से अधिकांश वाहनों की ऑन-रोड कीमतों में 6-8 प्रतिशत की कमी आ सकती है। इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और मांग में भी वृद्धि होने की संभावना है।
जीएसटी दरों में अनुमानित कमी को देखते हुए जेफरीज ने टू-व्हीलर और यात्री वाहनों के लिए पूर्वानुमान को संशोधित भी किया है। इसने वित्त वर्ष 2027-28 तक के लिए बिक्री में वृद्धि की बात कही है। रिपोर्ट में कहा गया है, “हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 25-28E के दौरान टू-व्हीलर वाहनों की बिक्री 10 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ेगी, जबकि यात्री वाहनों के लिए यह दर 8 प्रतिशत होगी।”
टायर कंपनियों की 5% टैक्स स्लैब की मांग
ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ATMA) ने ऑटोमोबाइल टायरों पर जीएसटी की दर को मौजूदा 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की है। परिवहन, कृषि, खनन और निर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में इसके इस्तेमाल को देखते हुए इंडस्ट्री ने इसे लक्जरी वस्तुओं में शामिल न करने का अनुरोध किया है।
एटीएमए ने एक बयान में कहा कि वर्तमान में, सभी प्रमुख ऑटोमोटिव टायर श्रेणियों पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है, जो सबसे ऊंचा कर स्लैब है। ट्रैक्टर टायर और विमान टायर पर क्रमशः 18 प्रतिशत और 5 प्रतिशत की दर से कर लगता है। परिवहन, कृषि, खनन और निर्माण जैसे क्षेत्रों में टायर उनके खर्च का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इस पर 5 प्रतिशत की कम जीएसटी दर छोटे व्यापारियों, किसानों और किफायती परिवहन पर निर्भर उद्यमों को राहत प्रदान करेगी।
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