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    GST Reforms: फ्रिज, टीवी, AC, जूते और कपड़े समेत अगले महीने से क्या-क्या हो जाएगा सस्ता, देखें पूरी लिस्ट

    New GST 2.0 reforms Impact जीएसटी में होने वाले बदलाव से रोजमर्रा की चीजें सस्ती होने की उम्मीद है। 12% वाली लगभग सभी वस्तुएं 5% की दर पर आ सकती हैं और 28% वाली अधिकतर वस्तुएं 18% की दर पर आ सकती हैं। इस संबंध में ब्रोकरेज फर्म एंबिट कैपिटल ने रिपोर्ट पब्लिश की है।

    By Gyanendra Tiwari Edited By: Gyanendra Tiwari Updated: Tue, 26 Aug 2025 02:35 PM (IST)
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    GST Reforms: फ्रिज, टीवी, एसी, जूते और कपड़े समेत अगले महीने से क्या-क्या हो जाएगा सस्ता

    नई दिल्ली। New GST 2.0 reforms Impact: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से GST सुधार (GST Reform) की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि वह इस दिवाली जनता को डबल तोहफा देने वाले हैं। अब जीएसटी में केवल दो स्लैब यानी 5 फीसदी और 18 फीसदी किए जाने की उम्मीद है। क्योंकि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक में 12% और 28% जीएसटी स्लैब (New GST 2.0 Rates) को खत्म करने के प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी गई है। अब इसी को लेकर ब्रोकरेज फर्म एंबिट कैपिटल (Ambit Capital Report GST 2.0) ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के जरिए फर्म ने बताने की कोशिश की है कि आम लोगों की जरूरतों से जुड़ा सामान कितना सस्ता हो जाएगा।

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    GST Reform होने के बाद कई चीजें सस्ती हो जाएंगी। फ्रिज, टीवी, एसी, जूते और कपड़े समेत कई जरूरी चीजों को किस स्लैब में रखा जाएगा। इसे लेकर ब्रोकरेज फर्म ने बकायदा रिपोर्ट पब्लिश की है। जीएसटी परिषद (GST Council) की बैठक अगले महीने 3 और 4 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में होने वाली है। इसमें कई बड़े फैसले लिए जाएंगे। जीएसटी काउंसिल ही तय करेगी किस सामान को किस स्लैब में रखा जाएगा।

    क्या-क्या होगा सस्ता?

    अगर जीएसटी काउंसिल की बैठक में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की बैठक में 12% और 28% के स्लैब को खत्म करने की दी गई मंजूरी को मंजूर करती है तो अधिकर चीजें सस्ती हो जाएंगी। इनमें कुछ प्रमुख चीजें शामिल हैं जो सस्ती होंगी। जैसे पैक्ड डेयरी प्रोडक्ट पर अभी 12 फीसदी जीएसटी लगती है। लेकिन सुधार हुआ तो यह 5 फीसदी वाले स्लैब में आ जाएगा।

    Fruit Juices (packaged) भी 5 फीसदी वाले स्लैब में आ सकता है। इस पर अभी 12 फीसदी जीएसटी लगती है। वहीं, पैकेज्ड मांस/मसाले (सॉस) भी 5 फीसदी वाले स्लैब में आ जाएंगे।

    जीएसटी रेट करंट प्रस्तावित
    पैकेज्ड डेयरी उत्पाद 12% 5%
    फलों के रस 12% 5%
    पैकेज्ड मांस/मसाले (सॉस) 12% 5%
    प्रोसेस्ड कॉफी 12% 5%
    हैंडबैग 12% 5%
    कपड़ा उत्पाद 12% 5%
    जूते 12% 5%
    ट्रैक्टर (<1800 सीसी) 12% 5%
    प्रिस्क्रिप्शन दवाएं 12% 5%
    घी और मक्खन 12% 5%
    Dryfruits 12% 5%
    कपड़ा उत्पाद 12% 5%
    एसी/ फ्रिज 28% 18%
    टीवी 28% 18%
    सीमेंट 28% 18%

    सीमेंट भी हो जाएगी सस्ती

    सीमेंट पर वर्तमान में 28 फीसदी जीएसटी लग रही है। बहुत लंबे समय से इसे 18 फीसदी के दायरे में लाने की बात कही जा रही है। कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की मांग को ध्यान में रखते हुए जीएसटी काउंसिल इसे 18 फीसदी के स्लैब में रख सकती है।

    हेल्थ इंश्योरेंस भी होगा सस्ता

    कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि हेल्थ इंश्योरेंस भी सस्ता हो जाएगा। इसे जीएसटी के बाहर रखा जा सकता है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

    इन चीजों में नहीं होगा बदलाव

    कई रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि लग्जरी कारों पर टैक्स बढ़ सकता है। एंबिट कैपिटल ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लग्जरी कारों में जीएसटी के अलावा सेस लगता है। ऐसे में ये कारें महंगी हो सकती हैं। इसके अलावा पान मसाला सस्ता नहीं होगा। तम्बाकू से जुड़े उत्पादन सस्ते नहीं होंगे। रेस्टोरेंट में खाना सस्ता नहीं होगा। मोबाइल, लैपटॉप आदि चीजें सस्ती नहीं होंगी। हालांकि, इसका अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल को लेना है।

    एंबिट कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तंबाकू उत्पाद, वातित पेय, दोपहिया वाहन और लग्जरी पीवी सहित पाप और विलासिता की वस्तुओं पर Cess लगाया जाता है। ऐसे कई उत्पादों पर जीएसटी की दर मौजूदा 28% से बढ़ाकर 40% करने का प्रस्ताव है।

    सरकार को हो सकता है नुकसान

    प्रस्तावित जीएसटी रिफॉर्म के कारण केंद्र और राज्य सरकार को राजस्व में 0.7-1.8 ट्रिलियन का नुकसान होने की आशंका है।

    दूसरी ओर PL कैपिटल की रिपोर्ट की मानें तो इलेक्ट्रॉनिक चीजों पर जीएसटी में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि, अलग-अलग फर्मों ने अपने-अपने अनुसार रिपोर्ट पब्लिश की हैं। लेकिन जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद यह साफ हो जाएगा कि आखिर क्या सस्ता होगा और क्या महंगा।

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