ईंट और तंबाकू पर 12 व 28% GST बरकरार, सरकार जल्द जारी कर सकती है नोटिफिकेशन, आखिर क्यों नहीं घटाई इन पर दरें
केंद्र सरकार ईंट और तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी की दरें क्रमशः 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत पर बरकरार रखने के लिए एक अधिसूचना जारी करेगी। इस नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया जाएगा कि केवल ईंटों पर ही 12 प्रतिशत जीएसटी दर लागू रहेगी। इस अधिसूचना को आंतरिक रूप से मंज़ूरी मिल गई है और अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मंज़ूरी का इंतज़ार है।

नई दिल्ली। जीएसटी दरों में बदलाव के बाद केंद्र सरकार इस हफ्ते ईंट और तंबाकू (GST on Bricks and Tobacco) उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरें क्रमशः 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत पर बरकरार रखने के लिए एक अधिसूचना जारी करेगी। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी सूत्रों ने बताया कि ड्राफ्ट नोटिफिकेशन 17 सितंबर को जारी होने की संभावना है, जिसे आंतरिक रूप से मंज़ूरी मिल गई है और अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मंज़ूरी का इंतज़ार है।
चूंकि, 12 प्रतिशत की जीएसटी दर समाप्त की जा रही है, इसलिए ईंटों पर मौजूदा टैक्स को बनाए रखने के लिए एक नोटिफिकेशन की आवश्यकता है। एक सरकारी सूत्र ने बताया, "अधिसूचना में स्पष्ट किया जाएगा कि केवल ईंटों पर ही 12 प्रतिशत जीएसटी दर लागू रहेगी।"
ईंट और तंबाकू अब भी 12 व 28% स्लैब में
6 सितंबर को घोषिए नए जीएसटी स्लैब 22 सितंबर से लागू होंगे। सरकार ने 12 और 28 फीसदी वाले स्लैब को खत्म कर दिया है, और ज्यादातर सामानों को 5 और 18 प्रतिशत के स्लैब में रखा है। हालांकि, ईंट और तंबाकू जैसे उत्पाद अपवाद हैं जिन्हें 12 और 28 फीसदी के स्लैब में बरकरार रखा गया है।
सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया जाएगा कि महामारी के दौरान लिए गए उधारों का पूरा भुगतान होने तक तंबाकू उत्पाद फिलहाल क्षतिपूर्ति उपकर समेत 28 प्रतिशत के स्लैब में ही रहेंगे। तंबाकू पर जीएसटी, उपकर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क सहित लगभग 53 प्रतिशत का अप्रत्यक्ष कर लगता है।
एक अन्य सरकारी सूत्र ने कहा, "ऋण अदायगी पूरी होने तक मौजूदा ढांचा बरकरार रहेगा। उसके बाद, तंबाकू पर अतिरिक्त शुल्क के साथ 40 प्रतिशत जीएसटी दर लागू होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तंबाकू उत्पादों पर कुल टैक्स का बोझ कम न हो।"
जीएसटी 2.0 का उद्देश्य वस्तु एवं सेवा कर ढांचे में बड़ा परिवर्तन और सुधार लाना है। यह मौजूदा स्लैब को युक्तिसंगत बनाकर, विसंगतियों को दूर करने की दिशा में सरकार का बड़ा प्रयास है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।